शुक्रवार को नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा होने से पहले सटोरियों में स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के नाम पर चर्चा है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इथोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद या स्वतंत्र प्रेस के किसी प्रतिनिधि को शांति का नोबेल पुरस्कार दिया जा सकता है।
इस वर्ष के शांति के लिए दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को की जाएगी। ग्रेटा ने इस वर्ष सितंबर माह में संयुक्त राष्ट्र में जलवायु शिखर सम्मेलन में बेहद प्रभावशाली भाषण देकर वैश्विक सुर्खियां बटोरीं थी।
ओस्लो (प्रियो) में पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक हेनरिक उराल्ड ने एएफपी को बताया कि ग्रेटा को नोबेल मिलने की संभावना कम है। जलवायु परिवर्तन के लिए उनके प्रयास सराहनीय हैं लेकिन ग्रेटा की उम्र कम है। पाकिस्तानी कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई की तरह वह पुरस्कार साझा कर सकती हैं। नोबेल पुरस्कार समिति कभी भी नामांकित लोगों के नाम उजागर नहीं करती है।
इसीलिए सभी संभावित नामों पर अटकलें लगयी जाती रही हैं।इस सूची में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी संस्था के प्रमुख फिलिपो ग्रैंडी और एसओएस मेडिटेरेनी संगठन के नाम भी शामिल हैं। पिछले साल यौन हिंसा से लड़ने के लिए कांगो के स्त्री रोग विशेषज्ञ डेनिस मुक्वेगे और यज़ीदी कार्यकर्ता नादिया मुराद को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।