ब्लिंकन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य ताकत और बढ़ाने का संकल्प लिया

By भाषा | Updated: December 14, 2021 19:18 IST2021-12-14T19:18:54+5:302021-12-14T19:18:54+5:30

Blinken pledges to further increase US military power in the Indo-Pacific | ब्लिंकन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य ताकत और बढ़ाने का संकल्प लिया

ब्लिंकन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य ताकत और बढ़ाने का संकल्प लिया

जकार्ता, 14 दिसंबर (एपी) अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका एशिया के अपने साझेदारों के साथ सैन्य और आर्थिक संबंधों का विस्तार करेगा ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता का मुकाबला किया जा सके।

वहीं, चीन ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी नीतियों को ‘‘फूट का बीज बोने वाली, एकजुटता कमतर करते वाली और सहयोग बाधित करने वाली बताया।’’

ब्लिंकन ने कहा कि बाइडन प्रशासन क्षेत्र में शांति और समृद्धि कायम रखने को लेकर प्रतिबद्ध है और वह अमेरिका के गठबंधन को मजबूत कर, नए साझेदार बना कर और अमेरिकी सेना की प्रतिस्पर्धी बढ़त को कायम कर यह सुनिश्चित करेगा।

उन्होंने हिंद प्रशांत क्षेत्र को लेकर प्रशासन की योजना को रेखांकित करते हुए इंडोनेशिया में कहा, ‘‘खतरा बढ़ रहा है, हमारा सुरक्षा दृष्टिकोण भी उसी के अनुरूप विकसित होना चाहिये। यह करने के लिए हम अपनी सबसे बड़ी ताकत की ओर रुख करेंगे, जो हमारा गठबंधन और साझेदारी है।’’

ब्लिंकन ने कहा, ‘‘हम ऐसी रणनीति अपनाएंगे जो हमारी राष्ट्रीय ताकत- कूटनीति, सैन्य, खुफिया सूचना- को हमारे साझेदारों और सहयोगियों के साथ लाती है।’’ उन्होंने कहा कि इसमें अमेरिकी और एशियाई रक्षा उद्योग को जोड़ना, आपूर्ति श्रृंखला को एकीकृत करना और प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष में सहयोग करना शामिल है।

बाद में उन्होंने इंडोनेशिया के विदेश मंत्री के साथ तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिसमें मौजूदा समुद्री सहयोग समझौता को 2026 तक बढ़ाना भी शामिल है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारी ताकत को मजबूत करने के लिए है ताकि हम शांति कायम रख सकें, जैसा हमने दशकों से इस क्षेत्र में किया है।’’

ब्लिंकन ने जोर देकर कहा कि अमेरिका देशों को उसके और चीन के बीच चुनने पर जोर नहीं दे रहा है और न ही चीन के साथ संघर्ष चाहता है। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने बीजिंग के ‘‘उत्तरपूर्वी एशिया और दक्षिण पूर्वी एशिया में, मेकॉन्ग नदी से प्रशांत द्वीपों तक आक्रामक रुख’’ की शिकायत की।

ब्लिंकन दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के एक सप्ताह के दौरे के तहत पहले पड़ाव इंडोनेशिया पहुंचे है। वह मलेशिया और थाईलैंड भी जाएंगे।

चीन की बढ़ती आक्रामकता का मुकाबला करना, खासतौर पर दक्षिण चीन सागर में, हांगकांग और ताइवान के खिलाफ उनके एजेंडे में है।

उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्र के देश चाहते हैं कि उसके (चीन) व्यवहार में बदलाव आए। हम करेंगे। हम दक्षिण चीन सागर में स्वतंत्र नौवहन को लेकर प्रतिबद्ध हैं। यही वजह है कि हम ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता को लेकर रुचि ले रहे हैं।’’

ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका क्षेत्र में पांच संधि सहयोगियों - ऑस्ट्रेलिया, जापान, फिलीपीन, दक्षिण कोरिया और थाईलैंड- के जरिये मजबूत संबंध बनाएगा। उनके बीच संबंधों को बढ़ावा देगा और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ के साथ साझेदारी को मजबूत करेगा, जिसके कई सदस्य देश चीन से खतरा महसूस करते हैं।

ब्लिंकन सोमवार को इंडोनेशिया पहुंचे, जहां पर पहले से ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के शीर्ष सहायक और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार निकोले पत्रुशेव सुरक्षा वार्ता के लिए मौजूद थे।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने दैनिक प्रेस वार्ता में कहा कि ब्लिंकन की नवीनतम टिप्पणी दिखाती है कि अमेरिका का रुख अपने आप में विरोधाभासी है, जहां ‘‘ एक ओर वह कथित चीन के खतरे की बात करता है जबकि दूसरी ओर दावा करता है कि उसकी चीन या अन्य से संघर्ष की कोई मंशा नहीं है।’’

उन्होंने कथित ताकत दिखाने और समस्या बढ़ाने के लिए क्षेत्र में लगातार पोत और विमान भेजने के लिए अमेरिका की आलोचना की।

वांग ने ब्लिंकन के आरोपों का जवाब देते हुए आरोप लगाया कि अमेरिका की नीतियां ‘‘फूट का बीज बोती हैं, एकजुटता को कमतर करती हैं और सहयोग को बाधित करती हैं।’’

वांग ने बीजिंग में संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर अमेरिका वास्तव में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांतिपूर्ण विकास में रचनात्मक भूमिका निभाना चाहता है, जैसा कि वह दावा करता है, तो उसे आसियान केंद्रित क्षेत्रीय सहयोग ढांचे का गंभीरतापूर्वक सम्मान करना चाहिए।

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Web Title: Blinken pledges to further increase US military power in the Indo-Pacific

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