'जिनके चाचा का घर भारत है, वे बांग्लादेश को जल्दी से छोड़ दें', आरक्षण विरोधी आंदोलन की आड़ में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा, सामने आया वीडियो

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: July 22, 2024 13:06 IST2024-07-22T13:05:35+5:302024-07-22T13:06:34+5:30

एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कहा गया है कि इस हिंसा की आड़ लेकर हिंदुओं का घर फूंका जा रहा है। बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर मचे बवाल के कारण बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है।

Bangladesh Violence against Hindus under the guise of anti-reservation movement video surfaced | 'जिनके चाचा का घर भारत है, वे बांग्लादेश को जल्दी से छोड़ दें', आरक्षण विरोधी आंदोलन की आड़ में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा, सामने आया वीडियो

बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर मचे बवाल के कारण बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है

Highlightsबांग्लादेश में आरक्षण को लेकर मचे बवाल के कारण बड़े पैमाने पर हिंसा हुई हैवहां का एक वीडियो वायरल हो रहा हैकहा गया है कि इस हिंसा की आड़ लेकर इसे भारत विरोध और हिंदू विरोध में बदल दिया गया है

नई दिल्ली:  बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर मचे बवाल के कारण बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है। नौकरियों की कमी से गुस्साए प्रदर्शनकारी उस प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे थे, जिसके तहत 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वालों के परिजनों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत तक आरक्षण दिया जाता था। 

अब वहां का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कहा गया है कि इस हिंसा की आड़ लेकर हिंदुओं का घर फूंका जा रहा है। एक्स जितेंद्र प्रताप सिंह नाम के एक व्यक्ति ने एक वीडियो शेयर किया है और लिखा है कि बांग्लादेश  में जो आरक्षण विरोध का हिंसा चल रहा है उसे अब भारत विरोध और हिंदू विरोध में बदल दिया गया है।

उन्होंने आगे लिखा, यह प्रदर्शनकारी माइक पर बोल रहा है- “भारत जादेर मामार बारी, बांग्ला छारो तारा तारी"। यानी "जिनके चाचा का घर भारत है, वे बांग्लादेश को जल्दी से छोड़ दें" पता चल रहा है कि बांग्लादेश में जो थोड़े बहुत हिंदू बच गए हैं इस हिंसा की आड़ लेकर उनके घर फूंके जा रहे हैं उन पर हमला किया जा रहा है और पूरे बांग्लादेश में भारत विरोधी माहौल बनाया जा रहा है।

बता दें कि बांग्लादेश में हिंसक झड़पों के बीच 4,500 से अधिक भारतीय छात्र स्वदेश लौट आए हैं। इन झड़पों में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं। विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि नेपाल के 500, भूटान के 38 और मालदीव का एक छात्र भी भारत पहुंचा है। मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं।

इस बीच बांग्लादेश की शीर्ष अदालत ने देश में आरक्षण को लेकर मचे बवाल के बीच सरकारी नौकरियों में आरक्षण रविवार को घटा दिया। नौकरियों की कमी से गुस्साए प्रदर्शनकारी उस प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे थे, जिसके तहत 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वालों के परिजनों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत तक आरक्षण दिया जाता था। सरकार ने बड़े पैमाने पर छात्रों के विरोध प्रदर्शनों के बाद 2018 में इस पर रोक लगा दी थी, लेकिन जून में बांग्लादेश के उच्च न्यायालय ने आरक्षण बहाल कर दिया था, जिसके बाद देश में फिर से विरोध प्रदर्शन शुरु हो गए थे। उच्चतम न्यायालय ने रविवार के अपने फैसले में कहा कि 93 प्रतिशत सरकारी नौकरियां योग्यता आधारित प्रणाली के आधार पर आवंटित की जाएं, पांच प्रतिशत 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भाग लेने वालों के परिजनों तथा अन्य श्रेणियों के लिए दो प्रतिशत सीटें आरक्षित रखी जाएं। 

Web Title: Bangladesh Violence against Hindus under the guise of anti-reservation movement video surfaced

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