Bangladesh Unrest: बांग्लादेश में बीते दिनों बड़े विरोध-प्रदर्शनों के कारण शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने का फैसला लेना पड़ा। हालात इतने खराब हो गए थे कि हसीना को देश छोड़कर निकलना पड़ा। शेख हसीना देश छोड़ने से पहले राष्ट्र के नाम अपना संबोधन रिकॉर्ड करना चाहती थीं। लेकिन आनन-फानन में निकलने के कारण वह ऐसा नहीं कर सकीं। अब वह बात सामने आ गई है जो शेख हसीना अपनी जनता से करना चाहती थीं।
टाइम्स नाउ ने शेख हसीना के करीबी सहयोगी के हवाले से बताया है कि उन्होंने विरोध-प्रदर्शनों से प्रभावित बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने का फैसला इसलिए लिया ताकि मृतकों की संख्या न बढ़े। उन्होंने कहा कि कट्टरपंथी चाहते थे कि प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच चल रही झड़पों में और लोग हताहत हों।
बांग्लादेश छोड़ने से पहले अवामी लीग नेता ने अपने करीबी सहयोगी से कहा कि विरोध प्रदर्शनों के पीछे संयुक्त राज्य अमेरिका का हाथ है, जिसने अब तक 200 से अधिक लोगों की जान ले ली है और इसका कोई अंत नहीं दिख रहा है। हसीना देश छोड़ने से पहले लोगों को इन बातों से अवगत कराने के लिए भाषण देना चाहती थीं, लेकिन उन्हें अपना सामान बांधकर भागना पड़ा।
उनके करीबी सहयोगी के अनुसार शेख हसीना ने कहा, "मैंने इस्तीफा इसलिए दिया ताकि मुझे शवों का जुलूस न देखना पड़े। वे छात्रों की लाशों पर सत्ता में आना चाहते थे, लेकिन मैंने ऐसा नहीं होने दिया। मैंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। मैं सत्ता में बनी रह सकती थी अगर मैंने सेंट मार्टिन द्वीप की संप्रभुता को त्याग दिया होता और अमेरिका को बंगाल की खाड़ी पर अपना दबदबा बनाने दिया होता। मैं अपने देश के लोगों से विनती करती हूं कि कृपया कट्टरपंथियों के बहकावे में न आएं।"
हसीना ने अपने करीबी सहयोगी से कहा कि अगर मैं देश में रहती तो और अधिक लोगों की जान चली जाती और अधिक संसाधन नष्ट हो जाते। मैंने देश छोड़ने का बहुत कठिन निर्णय लिया। मैं आपकी नेता बनी क्योंकि आपने मुझे चुना, आप मेरी ताकत थे।
उन्होंने कहा कि उम्मीद मत खोइए। मैं जल्द ही वापस आऊंगी। मैं हार गई हूं, लेकिन बांग्लादेश के लोग जीत गए हैं, वे लोग जिनके लिए मेरे पिता, मेरा परिवार मर गया। बता दें कि शेख हसीना फिलहाल भारत में हैं।