आस्ट्रेलियाई कोविड-19 टीके का पशुओं पर परीक्षण के दौरान आशाजनक परिणाम रहा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 26, 2020 07:43 PM2020-08-26T19:43:11+5:302020-08-26T19:43:11+5:30
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि टीकों के विकास में बड़ी चुनौतियों में एक व्यापक स्तर पर उपयोग के लिए बड़े पैमाने पर उनके उत्पादन की क्षमता भी है।
आस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किये जा रहे कोविड-19 टीके का क्लीनिकल पूर्व परीक्षणों में कोरोना वायरस के विरूद्ध ‘सकारात्मक परिणाम’ रहा है जिससे उसकी संभावित प्रभाव क्षमता एवं बड़े पैमान पर उत्पादन की उम्मीद जगी है। विश्वविद्यालय ने बुधवार को यह बात कही।
उसके परीक्षण संबंधी निष्कर्ष के अनुसार सिकायरस एमएफ 59 के साथ यह टीका देने पर संबंधित संक्रमित जानवर को इस वायरस की वृद्धि से सुरक्षा मिली और उसके फेफड़े की परेशानियां कम हुई। ये निष्कर्ष अभी प्रकाशित नहीं हुए हैं।
एक बयान के अनुसार इस परियोजना के सह प्रमुख एसोसिएट प्रोफेसर कीथ चैप्पेल ने नीदरलैंड के वायरोक्लीनिक्स -डीडीएल द्वारा पशुओं पर किये गये परीक्षण का आंकड़ा इंटरनेशनल सोसायटी फोर वैक्सीन के सामने रखा।
उन्होंने कहा, ‘‘ पशु मॉडल में हमारे आणविक टीके की निष्प्रभावी करने संबंधी प्रतिरोधक प्रतिक्रिया उन मरीजों में मौजूद एंटीबॉडीज के औसत स्तर से बेहतर है जो कोविड-19 से उबरे हैं। ’’
उन्होंने कहा, ’’ वह मजबूत टी कोशिका प्रतिक्रिया भी पैदा करता है । जहां तक बड़े पैमाने पर उसके उत्पादन संबंधी आंकड़े की बात है तो इस मोर्चे पर भी ठोस नतीजे सामने आये हैं।’’ अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि टीकों के विकास में बड़ी चुनौतियों में एक व्यापक स्तर पर उपयोग के लिए बड़े पैमाने पर उनके उत्पादन की क्षमता भी है।
ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके का मानव पर दूसरे चरण का परीक्षण पुणे में शुरू
ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके का मानव पर दूसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण यहां बुधवार को एक मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शुरू हो गया। इस टीके का विनिर्माण यहां स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा किया जा रहा है। अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दो स्वयंसेवियों को भारती विद्यापीठ मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में टीके की खुराक दी गई। ये दोनों पुरूष हैं।
उन्होंने बताया कि परीक्षण दोपहर एक बजे शुरू हुआ। भारती विद्यापीठ के मेडिकल कॉलेज, अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र के मेडिकल निदेशक डॉ संजय ललवानी ने कहा, ‘‘अस्पताल के चिकित्सकों ने 32 वर्षीय एक व्यक्ति की कोविड-19 जांच रिपोर्ट और एंटीबॉडी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उसे ‘कोवीशील्ड’ टीके की पहली खुराक दी। ’’
उन्होंने बताया कि 48 वर्षीय एक अन्य व्यक्ति को भी इस टीके की खुराक दी गई। उन्होंने बताया कि पांच स्वयंसेवियों ने परीक्षण के लिये अपना नाम पंजीकृत कराया था। जांच में उनमें से तीन व्यक्तियों में एंटीबॉडी पाए गए। इसलिए उन पर टीके का परीक्षण नहीं किया जा सकता।
ललवानी के मुताबिक अगले सात दिनों में कुल 25 स्वयंसेवियों को टीके की खुराक दी जाएगी। एसआईआई ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के जेनर इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित संभावित टीके के निर्माण के लिये एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है।