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अंदर वाले ने कराई इस्माइल हानियेह की हत्या! ईरान में दो दर्जन सैन्य और खुफिया अधिकारी गिरफ्तार

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: August 3, 2024 19:14 IST

तेहरान में हमास प्रमुख इस्माइल हानियेह की हत्या के बाद ईरान में हलचल है। एक बड़ी कार्रवाई में ईरान में ने वरिष्ठ खुफिया अधिकारियों और सैन्य अधिकारियों सहित दो दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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ठळक मुद्देतेहरान में हमास प्रमुख इस्माइल हानियेह की हत्या के बाद ईरान में हलचल है ईरान में दो दर्जन सैन्य और खुफिया अधिकारी गिरफ्तारइस घटना के बाद से ही पूरे मध्य पूर्व में तनाव है

Assassination Of Hamas Chief Ismail Haniyeh: तेहरान में हमास प्रमुख इस्माइल हानियेह की हत्या के बाद ईरान में हलचल है।  एक बड़ी कार्रवाई में ईरान में ने वरिष्ठ खुफिया अधिकारियों और सैन्य अधिकारियों सहित दो दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार गिरफ्तार अधिकारियों में तेहरान में एक सैन्य संचालित गेस्टहाउस के कर्मचारी भी शामिल हैं।

यह घटनाक्रम एक बड़ी सुरक्षा चूक के कुछ दिनों बाद हुआ जिसके परिणामस्वरूप हनियेह की मृत्यु हो गई। बीते बुधवार को तड़के तेहरान में एक विस्फोट में हमास के शीर्ष नेता की मौत हो गई थी। हनियेह को  2017 में हमास का राजनीतिक प्रमुख चुना गया था। इजरायल उन्हें अपना दुश्मन नंबर एक मानता था और लंबे समय से उसे खोज रहा था। ईरान का आरोप है कि हमास प्रमुख की हत्या में इजरायल का सीधा हाथ है। हालांकि इजरायल ने इस पर अबतक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

हमास प्रमुख इस्माइल हानियेह ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियान के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए तेहरान में थे। ईरान के सर्वोच्च नेता सैय्यद अली होसैनी खामेनेई ने ईरान की धरती पर हानियेह की हत्या को ईरान पर हमला कहा है और बदला लेने की बात कही है। इस घटना के बाद से ही पूरे मध्य पूर्व में तनाव है।

कौन थे इस्माइल हानियेह

1948 के अरब-इजरायल युद्ध के दौरान विस्थापित फिलिस्तीनी माता-पिता की संतान हनियेह एक शरणार्थी शिविर में पले-बढ़े। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित स्कूलों और बाद में गाजा के इस्लामिक विश्वविद्यालय में अध्ययन किया। उन्होंने 1987 में अरबी साहित्य में डिग्री हासिल की। अपने विश्वविद्यालय के वर्षों के दौरान हानियेह छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए और मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़े एक इस्लामी छात्र संघ का नेतृत्व किया।

हनियेह का राजनीतिक करियर 1987 में प्रथम इंतिफादा के दौरान हमास की स्थापना के साथ शुरू हुआ। प्रथम इंतिफादा इजरायली कब्जे के खिलाफ एक फिलिस्तीनी विद्रोह था। हमास के आध्यात्मिक नेता शेख अहमद यासीन के साथ उनके घनिष्ठ संबंधों ने उन्हें संगठन के भीतर आगे बढ़ने में मदद की। इज़राइली अधिकारियों द्वारा कई बार गिरफ्तार किए जाने के बाद उन्होंने 1980 के दशक के अंत और 1990 के दशक की शुरुआत में काफी समय जेल में बिताया। 

1992 में उन्हें हमास के अन्य नेताओं के साथ लेबनान निर्वासित कर दिया गया था। ओस्लो समझौते के बाद 1993 में वे गाजा लौट आए। 1997 तक वह हमास में अपनी स्थिति मजबूत करते हुए यासीन के कार्यालय के चीफ बन गए। जून 2007 में प्रतिद्वंद्वी फतह पार्टी के साथ संघर्ष के बाद पीए अध्यक्ष महमूद अब्बास ने हनियेह को बर्खास्त कर दिया लेकिन उन्होंने हमास के वास्तविक प्रशासन के तहत गाजा पट्टी पर शासन करना जारी रखा।

टॅग्स :ईरानHamasइजराइलअमेरिकामर्डर मिस्ट्री
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