तालिबान ने अफगानिस्तान में मचाया कोहराम, भारत ने कंधार में वाणिज्य दूतावास को बंद कर वापस बुलाए 50 कर्मी

By सतीश कुमार सिंह | Updated: July 11, 2021 12:56 IST2021-07-11T09:37:49+5:302021-07-11T12:56:45+5:30

अफगानिस्तान में कई जिलों पर कब्जा कर लिया है और समझा जाता है कि वह अफगानिस्तान से अमेरिकी और पश्चिमी देशों के सैनिकों की वापसी से पहले देश के लगभग एक तिहाई हिस्से पर नियंत्रण कर सकता है।

Amid fighting India pulls out staff from Kandahar consulate 50 diplomats security personnel afghanistan taliban | तालिबान ने अफगानिस्तान में मचाया कोहराम, भारत ने कंधार में वाणिज्य दूतावास को बंद कर वापस बुलाए 50 कर्मी

तालिबान ने पूरे देश में अपनी गतिविधियां बढ़ा दीं।

Highlightsतालिबान से रूस या मध्य एशिया में उसके सहयोगी देशों को कोई खतरा नहीं होगा।देश के 421 जिलों और जिला केन्द्रों में से एक तिहाई से ज्यादा पर उनका नियंत्रण हो गया है।अफगानिस्तान की सरकार की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

काबुलः युद्ध से जर्जर अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की रवानगी के बाद तालिबान ने तबाही मचा दी है। चरमपंथी समूह ने दावा किया कि देश के 85 प्रतिशत हिस्से पर अब उसका कब्जा हो गया है।

भारत ने अफगानिस्तान में सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति और कंधार के आस-पास के नए इलाकों पर तालिबाल के कब्जे के मद्देनजर इस दक्षिणी अफगान शहर में अपने वाणिज्य दूतावास से करीब 50 राजनयिकों और सुरक्षा कर्मियों को वापस बुला लिया है। इस संबंधी जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

भारत ने कंधार में वाणिज्य दूतावास अस्थायी रूप से बंद करने का कदम उठाया

उन्होंने बताया कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस कर्मियों के एक समूह समेत भारतीय राजनयिकों, अधिकारियों और अन्य कर्मियों को स्वदेश लाने के लिए भारतीय वायुसेना के एक विशेष विमान को शनिवार को भेजा गया। क्षेत्र में कई अहम इलाकों पर तालिबान के तेजी से कब्जा जमाने और पश्चिम अफगानिस्तान में सुरक्षा की बढ़ती चिंताओं के मद्देनजर भारत ने कंधार में वाणिज्य दूतावास अस्थायी रूप से बंद करने का कदम उठाया है।

काबुल में भारतीय दूतावास ने मंगलवार को कहा था कि कंधार और मजार-ए-शरीफ में दूतावास और वाणिज्य दूतावासों को बंद करने की कोई योजना नहीं है। दो दिन पहले विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वह अफगानिस्तान में बिगड़ती स्थिति और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा पर इसके प्रभाव को लेकर नजर रखे हुए है।

‘‘हम स्थिति के अनुसार कदम उठाएंगे’’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था, ‘‘हम स्थिति के अनुसार कदम उठाएंगे।’’ अफगानिस्तान में करीब दो दशक तक अपने सैनिकों की मौजूदगी के बाद अमेरिका अगस्त अंत तक अपने सुरक्षा बलों की वापसी की प्रक्रिया पूरा करना चाहता है।

वहीं, अमेरिकी सुरक्षा बलों की वापसी के बीच पिछले कुछ सप्ताह से अफगानिस्तान में कई आतंकवादी हमले हुए हैं। क्षेत्र में हिंसा बढ़ने के मद्देनजर कम से कम दो विदेशी मिशन ने उत्तरी बाल्ख प्रांत की राजधानी मजार-ए-शरीफ में अपना संचालन बंद कर दिया है।

अफगानिस्तान में बिगड़ती स्थिति को लेकर भारत में बढ़ती चिंताओं के बीच, अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुंदजे ने मंगलवार को विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला को अफगानिस्तान में स्थिति से अवगत कराया। भारतीय दूतावास ने अफगानिस्तान की यात्रा करने वाले, वहां रहने और काम करने वाले सभी भारतीयों से पिछले हफ्ते कहा था कि वे अपनी सुरक्षा के संबंध में पूरी सावधानी बरतें और देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसा की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर सभी प्रकार की गैर-जरूरी यात्रा से बचें।

नागरिकों को अपहरण का अतिरिक्त ‘गंभीर खतरा’

एक परामर्श में दूतावास ने कहा कि अफगानिस्तान में सुरक्षा की स्थिति ‘‘खतरनाक’’ बनी हुई है और आतंकवादी समूहों ने नागरिकों को निशाना बनाने सहित कई खतरनाक हमले किए हैं और भारतीय नागरिकों को अपहरण का अतिरिक्त ‘‘गंभीर खतरा’’ है।

भारत अफगानिस्तान के नेतृत्व, स्वामित्व और नियंत्रण वाली एक राष्ट्रीय शांति और सुलह प्रक्रिया का समर्थन करता रहा है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अतमार ने मार्च में भारत का दौरा किया था। इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उन्हें शांतिपूर्ण, संप्रभु और स्थिर अफगानिस्तान के लिए भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता से अवगत कराया था।

देश के 421 जिलों और जिला केन्द्रों में से एक तिहाई से ज्यादा पर उनका नियंत्रण हो गया

गौरतलब है कि तालिबान ने अपने पिछले बयान में दावा किया था कि देश के 421 जिलों और जिला केन्द्रों में से एक तिहाई से ज्यादा पर उनका नियंत्रण हो गया है। तालिबान के इस हालिया दावे को लेकर अफगानिस्तान की सरकार की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

इस सप्ताह की शुरुआत में तालिबान के तेजी से बढ़ने के कारण अफगानिस्तानी सैनिकों को भाग कर ताजिकिस्तान की सीमा में जाना पड़ा था। ताजिकिस्तान का यह सैन्य शिविर रूस का सैन्य बेस है। ताजिकिस्तान ने अफगानिस्तान से साथ सटी अपनी दक्षिणी सीमा पर सुरक्षा मजबूत बनाने के लिए सैन्य रिजर्व से करीब 20,000 सैनिकों को बुलाया है।

तालिबान ने पूरे देश में अपनी गतिविधियां बढ़ा

रूस के अधिकारियों ने चिंता जतायी है कि तालिबान के बढ़ते प्रभाव से अफगानिस्तान के उत्तर में मध्य एशिया में स्थित पूर्व सोवियत संघ देशों में अस्थिरता की स्थिति पैदा हो सकती है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा अफगानिस्तान में वर्षों से चल रहे युद्ध को समाप्त करने की घोषणा मध्य अप्रैल में किए जाने के बाद तालिबान ने पूरे देश में अपनी गतिविधियां बढ़ा दीं।

उन्होंने हाल ही में दर्जनों जिलों पर नियंत्रण कर लिया है और ज्यादातर क्षेत्रों पर बिना किसी संघर्ष के नियंत्रण हुआ है। पिछले एक सप्ताह में तालिबान ने ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान से सटे सीमावर्ती इलाकों और बृहस्पतिवार को ईरान से सटे सीमावर्ती इलाके पर कब्जा कर लिया है।

अफगान जेलों में मौजूद और तालिबान कैदियों को रिहा किया जाए

तालिबान के वार्ताकार मावलावी शहाबुद्दीन देलावर ने कहा, ‘‘हम प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा नहीं करेंगे ताकि अफगान नागरिकों के जीवन को खतरा ना हो।’’ देलावर ने कहा कि इन सभी बातों की गारंटी दी गई है, साथ ही मांग रखी गयी है कि अफगान जेलों में मौजूद और तालिबान कैदियों को रिहा किया जाए।

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के 85 प्रतिशत हिस्से पर अब तालिबान का कब्जा है। तालिबान ने यह भी कसम खायी है कि वह ‘‘किसी भी व्यक्ति, संगठन और किसी अन्य को अफगानिस्तान की धरती का उपयोग पड़ोसी देशों, क्षेत्रीय देशों और अमेरिका और उसके सहयोगियों सहित दुनिया के देशों के खिलाफ नहीं होने देगा।’’

ईरान की मीडिया में शुक्रवार को आयी खबर के अनुसार, तालिबान का कब्जा ईरान और अफगानिस्तान से जुड़ी दो सीमाओं पर है, जिनमें व्यापार के लिए महत्वपूर्ण इस्लाम काला रास्ते पर भी बृहस्पतिवार को संगठन का नियंत्रण हो गया था। ईरान के सरकारी रेडियो के अनुसार, तालिबान के आगे बढ़ने के कारण पीछे हट रहे करीब 300 अफगान सैनिक ईरान की सीमा में प्रवेश कर गए हैं।

Web Title: Amid fighting India pulls out staff from Kandahar consulate 50 diplomats security personnel afghanistan taliban

विश्व से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे