लाइव न्यूज़ :

"अमेरिका ने उरी हमले में आईएसआई की भूमिका को लेकर नवाज शरीफ से किया था सवाल", पूर्व भारतीय दूत अजय बिसारिया ने बताया

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: January 9, 2024 09:52 IST

भारत के पूर्व राजनयिक अजय बिसारिया ने अपनी नई किताब में बताया है कि अमेरिका ने उरी हमले में पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई की भूमिका को लेकर तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ से सवाल किया था।

Open in App
ठळक मुद्देअमेरिका ने उरी हमले में पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई की संदिग्ध भूमिका पर उठाया था सवालअमेरिका ने आईएसआई की मिलीभगत को लेकर तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ से किया था सवाल भारत के पूर्व राजनयिक अजय बिसारिया ने अपनी नई किताब में किा है इस बात का खुलासा

नई दिल्ली: भारत के पूर्व राजनयिक अजय बिसारिया ने अपनी नई किताब में बताया है कि साल 2016 में उरी में भारतीय सेना के अड्डे पर हुए आतंकी हमले के तुरंत बाद अमेरिका ने पाकिस्तान की सैन्य गुप्तचर ईकाई इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की हमले में शामिल होने की भूमिका को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ सवाल-जवाब किया था।

समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार अजय बिसारिया अपनी किताब “एंगर मैनेजमेंट” में लिखते हैं कि पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत ने सितंबर 2016 में उस घटना के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शरीफ से मुलाकात की थी। उरी हमले में 19 भारतीय सैनिकों की मौत हुई थी, जिसके लिए पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को जिम्मेदार ठहराया गया था और उन्हें एक फाइल सौंपी, जिसमें अन्य बातों के अलावा उरी हमलों की योजना बनाने में आईएसआई की मिलीभगत की जानकारी भी शामिल थी।

बिसारिया ने अपनी किताब में बताया है कि उरी हमले में पाकिस्तान के खिलाफ ऐसे पुख्ता सबूत थे कि उसकी वजह से नवाज शरीफ को पाकिस्तान सेना का सामना करने के लिए बल मिला और उन घटनाओं की एक लंबी श्रृंखला बनी। जिसके कारण 2017 में पीएमएल-एन पार्टी प्रमुख नवाज शरीफ को उनके प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया गया, यहां तक की साल 2018 में उन्हें पाकिस्तान छोड़कर निर्वासन में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

बेहद दिलचस्प बात है कि उरी हमले पर नवाज शरीफ के सामने अमेरिका द्वारा सवाल-जवाब किये जाने की भूमिका पहले नहीं बताई गई है। हालांकि बिसारिया ने पाकिस्तान में उस अमेरिकी दूत का नाम नहीं बताया, जिसने उरी हमले के बाद शरीफ से मुलाकात की थी लेकिन तब यह पद अमेरिकी राजनयिक डेविड हेल के पास था।

मालूम हो कि जनवरी 2016 में पठानकोट में भारतीय वायु सेना अड्डे पर हुए आतंकी हमले के लिए भी जैश-ए-मोहम्मद को दोषी ठहराया गया था। वहीं उरी में हुए आतंकी हमले के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पाकिस्तान से जा रहे बेहतर संबंधों की संभावनाओं को पटरी से उतार दिया था। पीएम मोदी ने साल 2014 के अपने शपथ समारोह में शरीफ को भारत बुलाया था और साल 2015 में पीएम मोदी खुद शरीफ की पोती की शादी में शामिल होने के लिए लाहौर गये थे।

उरी हमले में आईएसआई की भूमिका पर अमेरिका द्वारा दी गई जानकारी से निराश नवाज शरीफ ने इस मामले पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय में नागरिक और सैन्य नेताओं की एक बैठक बुलाई थी। तब पाकिस्तान के विदेश सचिव ऐज़ाज़ अहमद चौधरी ने शरीफ के सामने एक प्रस्तुति दी थी, जिसमें कहा गया था कि उरी हमले के कारण पाकिस्तान को वैश्विक रूप से "राजनयिक अलगाव" का सामना करना पड़ रहा है और पठानकोट हमले की जांच के बाद जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ "कुछ स्पष्ट कार्रवाई" की मांग की जा रही है।

टॅग्स :अमेरिकापाकिस्तानISIउरी : द सर्जिकल स्ट्राइकनवाज शरीफ
Open in App

संबंधित खबरें

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

बॉलीवुड चुस्कीDhurandhar: फिल्म में दानिश पंडोर निभा रहे हैं उज़ैर बलूच का किरदार, कराची का खूंखार गैंगस्टर जो कटे हुए सिरों से खेलता था फुटबॉल, देखें उसकी हैवानियत

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए

विश्व'इमरान खान ज़िंदा और ठीक हैं': पाकिस्तान के पूर्व पीएम की बहन ने रावलपिंडी की अदियाला जेल में उनसे मिलने के बाद दिया बयान | VIDEO

विश्व अधिक खबरें

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?

विश्वएलन मस्क की चिंता और युद्ध की विभीषिका

विश्वTrump Health Report: व्हाइट हाइस ने जारी किया राष्ट्रपति ट्रंप का एमआरआई स्कैन, जानें हेल्थ रिपोर्ट में क्या आया सामने

विश्वबैंक्सी की करुणा और बड़ों के युद्ध में फंसे बच्चे