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पाकिस्तानियों के वीजा पर बैन लगा सकता है अमेरिका, वरिष्ठ अधिकारी होंगे सबसे पहला निशाना

By भाषा | Updated: April 27, 2019 10:57 IST

पाकिस्तान उन दस देशों की सूची में नया देश है जिन पर अमेरिकी कानून के तहत प्रतिबंध लागू किए गए है जिसके अनुसार जो देश प्रत्यर्पित किए गए और वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी रह रहे अपने नागरिकों को वापस नहीं लेंगे उन देशों के नागरिकों को अमेरिकी वीजा नहीं दिया जाएगा।

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ठळक मुद्देमेरिका से प्रत्यर्पित किए अपने नागरिकों को स्वीकार करने से पाकिस्तान द्वारा इनकार करना कोई नयी बात नहीं है।अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी का मानना है कि इससे पाकिस्तान के लिए मुश्किलें पैदा होंगी।

पाकिस्तान ने अमेरिका से प्रत्यर्पित किए गए और वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी वहां रह रहे अपने नागरिकों को वापस लेने से इनकार कर दिया है जिसके बाद अमेरिका ने उस पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिका ने चेतावनी दी है कि वह पाकिस्तानियों के वीजा पर रोक लगा सकता है और इसकी शुरुआत उसके वरिष्ठ अधिकारियों से हो सकती हैं।

विदेश विभाग ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान में दूतावास संबंधित कामकाज में अभी के लिए ‘‘कोई बदलाव नहीं’’ है लेकिन संघीय रजिस्ट्रर अधिसूचना में उल्लेखित प्रतिबंध के परिणामस्वरूप अमेरिका पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रोक सकता है जिसकी शुरुआत उसके वरिष्ठ अधिकारियों से हो सकती है।

पाकिस्तान उन दस देशों की सूची में नया देश है जिन पर अमेरिकी कानून के तहत प्रतिबंध लागू किए गए है जिसके अनुसार जो देश प्रत्यर्पित किए गए और वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी रह रहे अपने नागरिकों को वापस नहीं लेंगे उन देशों के नागरिकों को अमेरिकी वीजा नहीं दिया जाएगा।

हालांकि, विदेश विभाग ने पाकिस्तान पर इन प्रतिबंधों के असर को कम करने की कोशिश की है। विदेश विभाग के एक प्रवक्ता से जब संघीय रजिस्टर की अधिसूचना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘पाकिस्तान में दूतावास संबंधित कामकाज में कोई बदलाव नहीं होगा।’’

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह अमेरिका और पाकिस्तानी सरकारों के बीच चल रहा द्विपक्षीय मुद्दा है और हम इस समय बारीकियों में नहीं जा रहे।’’ अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी का मानना है कि इससे पाकिस्तान के लिए मुश्किलें पैदा होंगी। हक्कानी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘इस कदम से पाकिस्तानियों के लिए मुश्किलें पैदा होंगी जो अमेरिका में यात्रा करना चाहते हैं और इससे बचा जा सकता था अगर पाकिस्तानी अधिकारियों ने प्रत्यर्पण की कानूनी अनिवार्यताओं के संबंध में अमेरिका के अनुरोधों को नजरअंदाज नहीं किया होता।’’

उन्होंने कहा कि अमेरिका से प्रत्यर्पित किए अपने नागरिकों को स्वीकार करने से पाकिस्तान द्वारा इनकार करना कोई नयी बात नहीं है। 

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