भारत से कनाडाई राजनयिकों के जाने पर अमेरिका-ब्रिटेन ने कनाडा का किया समर्थन, कहा- "दोनों देश के बीच विवाद सुलझाने के लिए डिप्लोमेट जरूरी"

By अंजली चौहान | Published: October 21, 2023 08:27 AM2023-10-21T08:27:27+5:302023-10-21T08:28:49+5:30

कनाडा में एक गुरुद्वारे के बाहर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद कनाडा पीएम जस्टिन ट्रुडो ने भारत पर हत्या कराने का आरोप लगाया था।

America-Britain supported Canada on the departure of Canadian diplomats from India, said Diplomats are necessary to resolve the dispute between the two countries | भारत से कनाडाई राजनयिकों के जाने पर अमेरिका-ब्रिटेन ने कनाडा का किया समर्थन, कहा- "दोनों देश के बीच विवाद सुलझाने के लिए डिप्लोमेट जरूरी"

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो

वाशिंगटन: भारत और कनाडा के बीच बिगड़ते रिश्तों के बाद भारत सरकार द्वारा कनाडा के राजनयिकों को देश छोड़ने के आदेश जारी किया गया, जिसके बाद कनाडा ने अपने 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया। जस्टिन ट्रुडो ने इसकी पुष्टि करते हुए इस फैसले को भारतीय नागरिकों के लिए नुकसान देने वाला बताया है।

वहीं, कनाडा के समर्थन में अमेरिका और ब्रिटेन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन ने शुक्रवार को भारत से आग्रह किया कि वह कनाडा पर भारत में अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करने पर जोर न दे। अमेरिका और ब्रिटेन ने ओटावा द्वारा 41 राजनयिकों को बाहर निकालने पर चिंता व्यक्त की। 

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, "भारत में अपनी राजनयिक उपस्थिति को काफी कम करने की कनाडा सरकार की मांग के जवाब में, हम कनाडा के राजनयिकों के भारत से जाने से चिंतित हैं।" अमेरिका ने इस बात पर जो दिया कि दोनों देशों के बीच उपजे विवाद को सुलझाने के लिए राजनयिकों की आवश्यकता है।

अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि हमने भारत सरकार से आग्रह किया है कि वह कनाडा की राजनयिक उपस्थिति में कटौती पर जोर न दे और कनाडा में चल रही जांच में सहयोग करे। हम उम्मीद करते हैं कि भारत राजनयिक संबंधों पर 1961 वियना कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों को बरकरार रखेगा, जिसमें कनाडा के राजनयिक मिशन के मान्यता प्राप्त सदस्यों को प्राप्त विशेषाधिकारों और उन्मुक्तियों के संबंध में भी शामिल है। 

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने कनाडा के आरोपों को गंभीरता से लिया है और लंदन के साथ-साथ भारत से हत्या की जांच में कनाडा के साथ सहयोग करने का आग्रह किया है, जबकि पश्चिमी शक्तियां भारत की खुले तौर पर निंदा करने में अनिच्छुक रही हैं। 

ब्रिटेन के विदेश कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा, "हम भारत सरकार द्वारा लिए गए फैसलों से सहमत नहीं हैं, जिसके परिणामस्वरूप कई कनाडाई राजनयिकों को भारत छोड़ना पड़ा।" ब्रिटेन के विदेश कार्यालय ने वियना कन्वेंशन का भी हवाला दिया। इसमें कहा गया, "राजनयिकों की सुरक्षा प्रदान करने वाले विशेषाधिकारों और उन्मुक्तियों को एकतरफा हटाना वियना कन्वेंशन के सिद्धांतों या प्रभावी कामकाज के अनुरूप नहीं है।"

दरअसल, कनाडा में एक गुरुद्वारे के बाहर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद कनाडा पीएम जस्टिन ट्रुडो ने भारत पर हत्या कराने का आरोप लगाया था। हालांकि, भारत ने इन आरोपों को खारिज कर दिया जिसके बाद दोनों देशों के बीच विवाद खड़ा हो गया। इसके बाद भारत ने कनाडा के 41 राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया।

शुक्रवार को कनाडा ने अपने 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया। कनाडा ने शुक्रवार को कहा कि वह कई भारतीय शहरों में वाणिज्य दूतावासों में व्यक्तिगत संचालन को अस्थायी रूप से निलंबित कर रहा है और वीजा प्रक्रिया में देरी की चेतावनी दी है।

Web Title: America-Britain supported Canada on the departure of Canadian diplomats from India, said Diplomats are necessary to resolve the dispute between the two countries

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