विदेशी ताकतों के जाने के बाद अफगानिस्तान पर पूरी तरह से तालिबान का शासन, एटीएम के बाहर लोगों की दिखी लंबी कतार

By दीप्ती कुमारी | Published: September 1, 2021 01:05 PM2021-09-01T13:05:54+5:302021-09-01T13:24:06+5:30

विदेशी ताकतों के चले जाने के बाद अफगानिस्तान में तालिबान के अधिग्रहण से लोगों में एक अलग खौफ है । अपने आने वाले कल और आज को लेकर लोगों के मन में तमाम संदेह और डर है ।

afghanistan with no foreign forces in taliban rule | विदेशी ताकतों के जाने के बाद अफगानिस्तान पर पूरी तरह से तालिबान का शासन, एटीएम के बाहर लोगों की दिखी लंबी कतार

फोटो सोर्स - सोशल मीडिया

Highlightsविदेशी ताकतों के जाने के बाद अफगानिस्तान में डर का माहौल एटीएम के बाहर दिखा लोगों का हुजूमअफगानिस्तानी पत्रकार ने कहा कि हमें पढ़ने और काम करने की आजादी चाहिए

काबुल  : विदेशी ताकतों के जाने के बाद अफगानिस्तान में पूरी तरह से तालिबान का शासन हो चुका है । 20 साल बाद फिर से तालिबान लौट आया है । एक तरफ जहां तालिबान समर्थकों में खुशी और उल्लास है , वहीं अन्य लोग डर और अनिश्चितता के साये में हैं कि अब उनका आगे क्या होगा । अमेरिकी सेना ने 30 अगस्त की रात 12 बजने से पहले काबुल हवाईअड्डे से आखिरी उड़ान भरी थी । 

तालिबान के शासन वाली पहली सुबह में लोगों में डर साफ देखा जा सकता  था । लोगों की लंबी कतार एटीएम के बाहर नजर आई । लोग यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि पैसों की कमी न हो और पर्याप्त संसाधन जुटाए जा सके । 

काबुल की एक युवा और निडर महिला पत्रकार ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा कि हमारा देश, शहर अब एक अनिश्चित भविष्य की ओर जा रहा है ।  उन्होंने कहा कि वह शाम को बाहर निकली और जैसे ही उन्होंने तालिबान लड़ाकों को देखा । वह वापस अपने घर की ओर जाने लगी ।

 मोसाकी ने कहा, 'मैं काबुल में हूं और इसलिए बोल रही हूं क्योंकि मैं नहीं चाहती कि मेरी आवाज बंद हो । हम अफगानिस्तान की महिलाएं अपने भविष्य से डरी हुई हैं । क्या हम पढ़ाई कर पाएंगे? क्या हमें काम करने दिया जाएगा?”

उन्होंने आगे कहा, "मुझे हिजाब  से कोई समस्या नहीं है। हम मुसलमान है लेकिन मैं आश्वासन चाहता हूं कि मुझे काम करने की अनुमति दी जाएगी । लड़कियों को पढ़ने की अनुमति दी जाएगी और इतने सालों तक जैसे हमें सारे अधिकार मिले हैं, उनका सम्मान किया जाएगा । 

हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर नजारा एकदम अलग था। तालिबान नेता जबीहुल्लाह मुजाहिद और अनस हक्कानी हवाई अड्डे पर तालिबान द्वारा कब्जा किए जाने के बाद दिखाई दिए। अब गोलियां युद्ध के लिए नहीं चलाई जा रही थी बल्कि जश्न के लिए चलाई जा रही थी । 

दूसरी ओर तालिबान यह भी दिखाने की कोशिश कर रहा है कि वह व्यावसायिकता में और तेजी लाना चाहता है । शिक्षा मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय दोनों ने अपने कर्मचारियों को जल्द से जल्द काम पर आने को कहा। महिलाओं को भी वापस जाने को कहा गया है । अफगानिस्तान में कोविड-19 के प्रभाव को देखते हुए स्वास्थ्यकर्मियों को काम पर वापस आना को कहा गया है जबकि स्कूल आदि नहीं खुलने के कारण कर्मचारियों को आने की इजाजत नहीं है, जिनमें कई महिलाएं शामिल हैं । 

आपको बताते दें कि अफगानिस्तान पर पूरी तरह से नियंत्रण करने से पहले ही तालिबान ने इंटरनेट , दूरसंचार और सभी संचार प्रणालियों पर अपना कब्जा जमा लिया था । तालिबान ने इंटनेट की सुविधा बंद कर दी है क्योंकि वह इससे असुरक्षित महसूस कर रहा था । अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी सिर्फ तालिबान के नियंत्रण से बाहर है । 
 

Web Title: afghanistan with no foreign forces in taliban rule

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