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अफगानिस्तान में पुलिस काफिले पर हमला, कमांडर समेत सात पुलिसकर्मियों की मौत, आत्मघाती बम धमाके में 11 लोग घायल

By भाषा | Updated: July 7, 2020 19:49 IST

अफगानिस्तान के दो शहरों में हमला किया गया। इस हादसे में कमांडर समेत सात पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। एक अन्य हादसे में 11 लोग घायल हो गए।

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ठळक मुद्देमृतक कमांडर की पहचान मीर ज़मन के रूप में हुई है। तीन अन्य अधिकारी ज़मन के अंगरक्षक थे।अफगानिस्तान, विशेषकर नांगरहार में तालिबान और इस्लामिक स्टेट समूह दोनों सक्रिय हैं।अफगानिस्तान में हाल ही में हिंसा में काफी वृद्धि हुई है और अधिकतर हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट से जुड़े स्थानीय समूहों ने ली है।

काबुलः अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत में मंगलवार की सुबह पुलिस के काफिले को निशाना बनाकर किये गए आत्मघाती बम धमाके में पुलिस कमांडर समेत चार अधिकारियों की मौत हो गई।

एक स्थानीय अधिकारी ने यह जानकारी दी। इसके अलावा देश के दक्षिण में हुए एक हमले में तीन अन्य पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई। प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता अताउल्ला खोगयानी के अनुसार, खेवा जिले के एक बाजार में हुए आत्मघाती बम धमाके में 11 लोग घायल हुए हैं, जिनमें नौ आम लोग और सुरक्षा बलों के दो सदस्य शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि मृतक कमांडर की पहचान मीर ज़मन के रूप में हुई है। तीन अन्य अधिकारी ज़मन के अंगरक्षक थे। हालांकि अभी हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है, लेकिन अफगानिस्तान, विशेषकर नांगरहार में तालिबान और इस्लामिक स्टेट समूह दोनों सक्रिय हैं।

अफगानिस्तान में हाल ही में हिंसा में काफी वृद्धि हुई है और अधिकतर हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट से जुड़े स्थानीय समूहों ने ली है। इससे पहले, मई में इसी जिले में सरकार समर्थित मिलिशिया तथा पूर्व सिपहसालार के अंतिम संस्कार को निशाना बनाकर किये गए आत्मघाती बम हमले में 32 लोगों की मौत हो गई थी और 133 लोग घायल हो गए थे।

मृतकों में प्रांतीय परिषद के एक सदस्य अब्दुल्ला लाला जान भी शामिल थे जबकि उनके जन प्रतिनिधि पिता नूर आगा घायल हो गए थे। अधिकारियों ने कहा कि मंगलवार को ही जाबुल प्रांत के शिनकिया जिले में पुलिस के काफिले पर हुए हमले में कम से कम तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। इस हमले के लिये तालिबान को जिम्मेदार बताया गया है।

अफगानिस्तान में अमेरिकी दूत ने तालिबान के साथ शांति समझौते के आर्थिक फायदे पर जोर दिया

अफगानिस्तान के लिये नियुक्त अमेरिकी दूत ने इस बात पर जोर दिया कि तालिबान के साथ शांति समझौते के आर्थिक फायदे होंगे। अपने इस बयान के जरिये उन्होंने उस समझौते की दिशा में क्रमिक रूप से आगे बढ़ने की कोशिश की, जो अमेरिका और क्षेत्रीय स्तर पर नयी राजनीतिक अड़चनों का सामना कर रहा है। जलमय खलीलजाद हफ्ते भर लंबी अपनी यह यात्रा संपन्न कर रहे हैं जिनमें उनका पड़ाव उजबेकिस्तान, पाकिस्तान और कतर में था। कतर में ही तालिबान वार्ताकारों का मुख्यालय है।

उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान में 19 साल से चले आ रहे युद्ध को खत्म करने के लिये अमेरिका ने तालिबान के साथ फरवरी में एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया था। अपनी इस पूरी यात्रा के दौरान खलीलजाद ने शांति समझौते के आर्थिक फायदों पर जोर देने की कोशिश की। अमेरिकी दूत ने शनिवार सुबह सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि उन्होंने कतर निवेश प्राधिकरण और तालिबान के मुख्य वार्ताकार मुल्ला अब्दुल गनी से कतर की राजधानी दोहा में मुलाकात की।

 

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