बैंकॉक, 30 जुलाई (एपी) म्यांमा में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हो रही मौतों का आंकड़ा बढ़ने के साथ साथ निवासियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के आरोप भी तेज होते जा रहे हैं कि फरवरी में सत्ता पर कब्जा करने वाली सैन्य सरकार अपनी ताकत को और मजबूत करने तथा विपक्ष को कुचलने के लिए वैश्विक महामारी का इस्तेमाल कर रही है।
पिछले हफ्ते, म्यांमा में प्रति व्यक्ति मृत्यु दर इंडोनेशिया और मलेशिया को पार कर दक्षिणपूर्व एशिया में सबसे खराब हो गई। देश की पंगु स्वास्थ्य प्रणाली कोविड-19 के नये मरीजों के साथ बहुत तेजी से पराजित होती जा रही है।
चिकित्सीय ऑक्सीजन की आपूर्ति कम है और सरकार ने कई स्थानों पर इसकी निजी बिक्री को प्रतिबंधित करते हुए कहा है कि वह जमाखोरी को रोकने की कोशिश कर रही है। लेकिन इसने उन आरोपों को बल दिया है कि ऑक्सीजन के सिलिंडर तथा आवश्यक दवाओं को सरकारी समर्थकों और सैन्य-संचालित अस्पतालों को भेजा जा रहा है।
इसी के साथ, चिकित्सा कर्मियों को सविनय अवज्ञा आंदोलन की अगुवाई करने के लिए निशाना बनाया गया जिन्होंने पेशेवरों एवं सरकारी सेवकों को सरकार - राष्ट्र प्रशासनिक परिषद के साथ सहयोग न करने की अपील की है।
संयुक्त राष्ट्र में म्यांमा के पूर्व मानवाधिकार विशेषज्ञ एवं म्यांमा के लिए विशेष सलाहकार परिषद के संस्थापक सदस्य यांघी ली ने कहा, “उन्होंने निजी सुरक्षात्मक उपकरण (पीपीई) और मास्क वितरित करना बंद कर दिया है और वे ऐसे किसी भी आम नागरिक को अस्पतालों में इलाज की अनुमति नहीं देगें जिन पर उन्हें लोकतंत्र आंदोलन को समर्थन करने का शक होगा। वे सविनय अवज्ञा आंदोलन को समर्थन दे रहे चिकित्सकों को गिरफ्तार कर रहे हैं।
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