लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित एक सरकारी अस्पताल के जनरल वार्ड के बाहर एक मरीज के तीमारदार द्वारा नमाज अदा करने का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। मामले में प्रयागराज पुलिस ने संज्ञान लेते हुए जांच की और उसके बाद बयान जारी किया है कि मरीज के तीमारदार द्वारा अदा की गई नमाज एक पूजा प्रक्रिया है और यह किसी भी अपराध की श्रेणी में नहीं आता है।
समाचार वेबसाइट एनडीटीवी के मुताबिक नमाज अदायगी का वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल के प्राशासनिक अधिकारियों ने कहा है कि इस संबंध में नमाज अदा करने वाली महिला और अस्पताल कर्मचारियों को ऐसी नहीं करने की चेतावनी दी गई है।
वहीं वीडियो के प्रयागराज के कई व्हाट्सएप ग्रुप में वायरल होने के बाद घटना का संज्ञान लेते हुए मामले की जांच की गई। इस संबंध में कई लोगों का कहना था कि महिला द्वारा अस्पताल वार्ड जैसे सार्वजनिक जगहों पर नमाज अदा करना अशोभनीय, अवैध और गैर कानूनी है।
लेकिन प्रयागराज पुलिस ने मामले में सभी तरह के आरोपों को नकारते हुए कहा कि पुलिस जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि वायरल वीडियो में महिला बिना किसी गलत इरादे के और बिना किसी काम में बाधा डाले, अपने रोगी के शीघ्र स्वास्थ की कामना के लिए नमाज पढ़ रही थी। यह किसी भी तरह के अपराध के श्रेणी में नहीं आता है। हालांकि कुछ खबरों में इसे लेकर गलत रिपोर्ट की गई दी थी, जिनके खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक घटना के संबंध में तेज बहादुर सप्रू अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एमके अखौरी ने कहा, "हमने वार्ड में इस तरह की गतिविधियों के खिलाफ सख्त चेतावनी जारी की है क्योंकि यह एक सार्वजनिक स्थान है।"
डॉक्टर एमके अखौरी ने कहा कि नमाज अदा करने वाली महिला डेंगू वार्ड में भर्ती एक मरीज के देखभाल के लिए बतौर परिचारक वार्ड में रह रही थी। उन्होंने कहा, "उसका वीडियो वायरल होने के बाद हमने उसे समझाया है कि सार्वजनिक स्थान पर ऐसा नहीं करते हैं और वो मान भी गई है।"