योग गुरु बाबा रामदेव पिछले कुछ दिनों से अपने बयान या फिर पतंजलि के विदेशी कंपनियों के साथ सांठगांठ की चर्चा को लेकर आलोचनाओं के शिकार हो रहे थे। बाबा रामदेव और पतंजलि के खिलाफ पिछले चार से पांच दिनों में ट्विटर कई हैशटैग चले। लेकिन आज ट्विटर पर #राष्ट्रभक्त_रामदेव टॉप ट्रेंड में है। इस ट्रेंड के साथ अबतक 79 हजार से ज्याद लोग ट्वीट कर चुके हैं। इस हैशटैग में लोग बाबा रामदेव के समर्थन में ट्वीट कर रहे हैं। अब सवाल उठता है कि आखिर अचानक बाबा रामदेव को 'राष्ट्रभक्त' का टैग कैसे मिल गया।
असल में बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद फिर से पटरी पर लौट आई है। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले छह महीने (अप्रैल से सितंबर) में कंपनी की आमदनी 3,562 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। पतंजलि की ओर अधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह किसी भी वित्त वर्ष में हुई अब तक की रिकॉर्ड आमदनी है। इसके बाद से ट्विटर पर #राष्ट्रभक्त_रामदेव टॉप ट्रेंड में है।
इस ट्रेंड के साथ साध्वी देवप्रिया ने ट्वीट किया है, बाबा रामदेव की जीत तो तभी हो गई थी, जब उन्होंने भारत में दशकों से व्यापर करने वाली कंपनियों का शीर्षासन करवा दिया था। यही भारत की जीत है। इस जीत से ये देश विरोधी घबराएं हुए हैं।
कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा, ''उन्हें बाबा रामदेव से नफरत है, स्वामी विवेकानंद से नफरत है, मोदी से नफरत है, वो बढ़ी फीस के खिलाफ आंदोलन करते हैं लेकिन नारा लिखते है "भगवा को जलाएंगे" इन सबसे नफरत करते करते देश से नफरत करने लगे, या देश से नफरत करते हैं इसलिए इन सबसे नफरत करने लगे।
वही एक यूजर ने लिखा, कुछ तथाकथित लोग जो विदेशियों के हाथों बिके हुए हैं उन्हें बाबा रामदेव से परेशानी हो रही है देश मे विदेशी कंपनियों को पूरी ताकत के साथ टक्कर दे रहे हैं, रामदेव जी ने अपना जीवन राष्ट्र के नाम कर रखा है।
वहीं एक यूजर का कहना है कि बाबा रामदेव की वजह से ही योगा पूरे विश्व ख्याती मिली है।
आखिर पिछले कुछ दिनों से बाबा रामदेव को क्यों किया जा रहा था ट्रोल
बाबा रामदेव पतंजलि को लेकर इसलिए ट्रोल हो रहे थे, क्योंकि हाल ही में इकॉनोमिक टाइम्स में छपी एक खबर के मुताबिक बाबा रामदेव की पतंजलि भी अब विदेशी कंपनियों से हाथ मिलाने की तैयारी में है। पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने ‘इकनोमिक टाइम्स’ को दिए गए इंटरव्यू में कहा था कि पतंजलि अब विदेशी मल्टी नेशनल कंपनियों के साथ करार के लिए तैयार है।
लोगों का कहना है जो बाबा रामदेव बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ अभियान चलाकर लोगों के बीच लोकप्रिय हुए थे वह खुद अब वही काम करना चाहते हैं। इसके अलावा रामदेव की आलोचना पेरियार समेत कई ऐतिहासिक बुद्धिजीवियों के बारे में टिप्पणी करने के लिए भी हो रही है।
पतंजलि आयुर्वेद के प्रवक्ता ने मुनाफे के बारे में पीटीआई से बात करते हुए बताया कि पतंजलि आयुर्वेद अपनी प्रोडक्ट लाइन में बदलाव कर उसे और बेहतर कर रही है। कंपनी प्रोडक्ट लाइनें, जो पहले पतंजलि संभालती थी अब उन्हें कई अन्य कंपनियों को सौंप दिया गया है। जिसकी वजह से भी कारोबार अच्छा हो रहा है।