नागरिकता कानून विरोध को लेकर लगा धारा 144 तो सोशल मीडिया पर बने दो गुट, यूजर बोले- BJP ने शासित राज्य को भी नहीं छोड़ा, मिला ये जवाब

By पल्लवी कुमारी | Updated: December 19, 2019 12:26 IST2019-12-19T12:26:46+5:302019-12-19T12:26:46+5:30

नागरिकता संशोधन कानून विरोध: नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन जारी है। आज ( 19 दिसंबर) को लेफ्ट पार्टियों ने भारत बंद का ऐलान किया है, राजधानी दिल्ली से लेकर बेंगलुरु, हैदराबाद से लेकर मुंबई तक कई प्रदर्शन भी जारी हैं।

Section 144 on CAA protest UP delhi Karnataka, so two groups formed on social media tweet viral | नागरिकता कानून विरोध को लेकर लगा धारा 144 तो सोशल मीडिया पर बने दो गुट, यूजर बोले- BJP ने शासित राज्य को भी नहीं छोड़ा, मिला ये जवाब

नागरिकता कानून विरोध को लेकर लगा धारा 144 तो सोशल मीडिया पर बने दो गुट, यूजर बोले- BJP ने शासित राज्य को भी नहीं छोड़ा, मिला ये जवाब

Highlightsबिगबॉस फेम तहसीन पूनावाला ने लिखा है, ''हम अवैध रूप से लगाए गए आपके धारा 144 को अस्वीकार करते हैं। 19 दिसंबर की दोपहर 12 बजे सीपीआई (एम), सीपीआई (एमएल) लिबरेशन, सीपीआई, एआईएफबी और आरएसपी संयुक्त रूप से मंडी हाउस से से रैली निकालेंगे।

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर फॉर सिटिजनशिप (NRC) को लेकर आज देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसको ध्यान में रखते हुए कर्नाटक और उत्तर प्रदेश सहित देश कुछ राज्यों में धारा 144  लागू किया गया है। इसके अलावा देश की राजधानी में लालकिला  इलाके में धारा 144 लगा दी गई है। दिल्ली में तीन जगहों पर विरोध-प्रदर्शन और मोर्चा निकालने की तैयारी है। रैली का आयोजन वामपंथी दल, स्वराज अभियान और सामाजिक संगठनों की ओर से किया गया है। इस मामल को लेकर ट्विटर पर धारा 144 (#Section144) ट्रेंड कर रहा है। इस हैशटैग के साथ ज्यादातर लोग नागरिकता संशोधन कानून को लेकर सरकार की खिलाफत कर रहे हैं। तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो CAA और NRC को लेकर सरकार के पक्ष में हैं। 

लेखिका सबा नकवी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ''भाजपा शासित दो राज्यों यूपी और कर्नाटक में धारा 144 लागू है। देश में विरोध करने के अधिकार का कोई सम्मान नहीं है। विरोध से देश को मिली आजादी। उफ़ हमें पता है कि कौन उसका हिस्सा नहीं थे !!! मिलिट्रीस्टिक अभ्यास वह परंपरा है जिसे वे जानते हैं।''

इसका जवाब देते हुए प्रदीप भंडारी ने लिखा, सबा, पिछली बार विरोध में पेट्रोल बम फेंके गए, स्कूल बसों में तोड़फोड़ की गई, मासूम बच्चों को धमकाया गया।आप एक व्यक्तिगत तौर पर गारंटी लेती हैं कि विरोध हिंसक नहीं होगा?

बिगबॉस फेम तहसीन पूनावाला ने लिखा है, ''हम अवैध रूप से लगाए गए आपके धारा 144 को अस्वीकार करते हैं। भारत के लोगों का एक शांतिपूर्ण तरीके से #CAAProtest पर अधिकार है और हमें मानते हैं कि #CAA_NRC अवैध है और हम इसका विरोध करते हैं।

वैरीफाइड यूजर आकाश बनर्जी ने लिखा है, धारा 144 अंग्रेजों द्वारा पेश की गई थी और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ इस्तेमाल की गई थी। लेकिन यहां तक कि अंग्रेज भी यह देखकर दंग रह जाएंगे कि भारत में उनके पुराने कानून का कितना व्यापक उपयोग किया जाता है!

सरकार के पक्ष में सदगुरु ने लिखा है, मामला कोई भी हो, किसी को भी सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करने का कोई अधिकार नहीं है। आपके द्वारा जलाए जाने वाली बसें सरकार की नहीं, बल्कि हमारे टैक्स के पैसे से वित्त पोषित लोगों की हैं। सभी जो सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करते हैं उनकी संपत्तियों को जब्त किया जाना चाहिए।

सदगुरु का जवाब देते हुए एक यूजर ने लिखा है, क्या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान में केवल बसें और सड़कें शामिल हैं? विश्वविद्यालयों / पुस्तकालयों के तोड़फोड़ के बारे में क्या? कानून और आदेश में लोगों के विश्वास को किस तरीके से नष्ट कर दिया गया है। 

देखें लोगों की प्रतिक्रिया 

19 दिसंबर की दोपहर 12 बजे सीपीआई (एम), सीपीआई (एमएल) लिबरेशन, सीपीआई, एआईएफबी और आरएसपी संयुक्त रूप से मंडी हाउस से से रैली निकालेंगे। यह जानकारी देते हुए सचिव केएम तिवारी ने बताया कि ये रैली नागरिकता कानून के विरोध में होगी।  उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए धारा 144 लागू कर दी गई है। बिना इजाजत कोई भी रैली, धरना, प्रदर्शन, रोड शो नहीं किया जाएगा। 

Web Title: Section 144 on CAA protest UP delhi Karnataka, so two groups formed on social media tweet viral

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