AMU के नेहरू मेडिकल कॉलेज में मरीजों को बेड से बांधकर हो रहा इलाज, वायरल हुई तस्वीरें
By भारती द्विवेदी | Updated: March 31, 2018 13:20 IST2018-03-31T13:20:23+5:302018-03-31T13:20:23+5:30
मेडिकल कॉलेज के चीफ मेडिकल अफसर एसएच जैदी ने मीडिया से सफाई देते हुए कहा है कि अस्पताल ने मरीजों के सेफ्टी के लिए ऐसा किया है।

AMU के नेहरू मेडिकल कॉलेज में मरीजों को बेड से बांधकर हो रहा इलाज, वायरल हुई तस्वीरें
नई दिल्ली, 31 मार्च: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर घूम रही है। इमरजेंसी वार्ड की ये तस्वीर उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। रेल दुर्घटना में घायल दो मरीज को जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती करवाया गया था। जहां पर दोनों ही मरीजों को बेड पर बांधकर रखा गया है। तस्वीरों में आप साफ देख सकते हैं कि कैसे दोनों मरीजों के हाथ-पैर को बेड से बांधा गया है।
Aligarh: Two patients admitted with injuries from a Railway accident, seen lying on bed with their hands & legs tied in Emergency ward of Aligarh Muslim University's Jawaharlal Nehru Medical College (30.03.18) pic.twitter.com/Lw8SIytiLq
— ANI UP (@ANINewsUP) March 31, 2018
फोटो वायरल होने के बाद जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के चीफ मेडिकल अफसर एसएच जैदी ने मीडिया से सफाई देते हुए कहा- 'उनका इलाज सीनियर डॉक्टर कर रहे थे। हमारा यहां बेड में साइड गार्ड नहीं है। उन दोनों ही मरीजों के साथ उनके घरवाले भी नहीं थे और हमारे स्टाफ सिर्फ उनकी देखरेख के लिए पूरे समय वहां नहीं बैठ सकते हैं। जिसके बाद हमने मरीजों को गिरने से बचाने के लिए बेड से बांध दिया।'
They are being treated by senior doctors. Our beds don't have side guards. The patients don't have any relative with them & our staff can also not sit here all the time. So, we have tied them to the bed to stop them from falling: SH Zaidi, CMO, Jawaharlal Medical College pic.twitter.com/E7sMOSUvLl
— ANI UP (@ANINewsUP) March 31, 2018
दो दिन पहले ही इसी अस्पताल का एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें अस्पताल के कर्मचारी मरीज को घसीटते हुए ले जा रहे थे।इससे पहले यूपी के ही झांसी मेडिकल कॉलेज की एक फोटो वायरल हुई थी। जिसमें अस्पताल कर्मचारियों ने मरीज के कटे पैर को उसके सर के नीचे रख तकिया बना दिया था।