कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लुकआउट नोटिस (Lookout Circulars (LOC)/Notices) जारी किया है। सीबीआई और ईडी की टीम लगातार चिदंबरम की तलाश में लगी है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया मामले में मंगलवार (20 अगस्त) को कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। लुकआउट नोटिस जारी होते ही ट्विटर पर #ChiddiBhagModiAaya ट्रेंड करने लगा है। सीबीआई ने 15 मई, 2017 को प्राथमिकी दर्ज कर आरोप लगाया था कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए मीडिया समूह को दी गई विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) मंजूरी में अनियमितताएं हुयीं थी। इसके बाद ईडी ने 2018 में इस संबंध में धनशोधन का मामला दर्ज किया।
#ChiddiBhagModiAaya ट्र्रेंड के साथ ट्विटर पर कई तरह के पी चिदंबरम को लेकर मीम वायरल हो रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि पी चिदंबरम कानूनी प्रक्रिया से भाग रहे हैं। लोगों का सोशल मीडिया पर यह भी कहना है कि गृह मंत्री अमित शाह के रहने कांग्रेस के वो सारे नेता जिनपर किसी आपराधिक मामले में केस दर्ज हैं उनकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है। ट्विचर पर #ChiddiBhagModiAaya के अलावा #ChidambaramMissing और #PChidamabaram भी टॉप ट्रेंड में है।
सुप्रीम कोर्ट ने INX मीडिया केस में पी चिदंबरम को तत्काल राहत नहीं दी
आईएनएक्स मीडिया से जुड़े धनशोधन मामले में 21 अगस्त 2019 को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से भी तत्काल राहत नहीं मिली है। जस्टिस एनवी रमना की पीठ ने केस के बिना लिस्टिंग हुए सुनवाई से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने उन्हें अगली सुबह तक इंतजार करने को कहा है। सीजेआई रंजन गोगोई ने भी मामले की तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया।
दिल्ली हाईकोर्ट ने पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुये क्या कहा?
अदालत ने पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि आईएनएक्स मीडिया से जुड़े धनशोधन मामले में वह ‘‘सरगना और प्रमुख षड्यंत्रकारी" प्रतीत हो रहे हैं। अदालत ने कहा कि प्रभावी जांच के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ करने की आवश्यकता है। अदालत ने कहा कि आईएनएक्स मीडिया घोटाला ‘‘धनशोधन का बेहतरीन उदाहरण’’ है। अदालत ने कहा कि अपराध की गंभीरता और अदालत से मिली राहत के दौरान पूछताछ में स्पष्ट जवाब नहीं दिया जाना दो आधार हैं जिनके कारण उन्हें अग्रिम जमानत नहीं दी जा रही।
उच्च न्यायालय ने 25 जुलाई, 2018 को चिदंबरम को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान की थी जिसे समय-समय पर बढ़ाया गया था। अदालत ने कहा कि प्रभावी जांच के लिए चिदंबरम से हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है। अदालत ने कहा "क्योंकि वह सांसद हैं, इसलिए उन्हें गिरफ्तारी से पहले जमानत देने का कोई औचित्य नहीं होगा।" चिदंबरम राज्यसभा सदस्य हैं। उच्च न्यायालय के आदेश के कुछ कुछ घंटों बाद, सीबीआई की एक टीम चिदंबरम के घर पॉश जोरबाग इलाके में गयी लेकिन उनके घर पर नहीं मिलने के बाद टीम लौट गयी।
जानें आईएनएक्स मीडिया से जुड़े धनशोधन (INX media case) का पूरा मामला
सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की और आरोप लगाया था कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए मीडिया समूह को दी गई विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) मंजूरी में अनियमितताएं हुयीं इसके बाद, ईडी ने 2018 में इस संबंध में धनशोधन का मामला दर्ज किया। अदालत ने सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिकाओं पर 25 जनवरी को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने मामले में उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। अदालत के आदेश के बाद चिदंबरम ने चुप्पी साधे रखी और मीडिया से दूर रहे। चिदंबरम ने वरिष्ठ वकीलों कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और सलमान खुर्शीद से मशविरा किया।