मुंबई : भारत में ऐसे कई गांव और इलाके हैं, जो नदी के किनारे बसे हैं । ऐसे में एक किनारे से दूसरे किनारे पर पहुंचने के लिए पुल की जरूरत पड़ेगी लेकिन ओडिशा में बलनगीर जिले एक गांव भी कुछ ऐसा ही है । जहां लोग पुल जैसी जरूरी सुविधा के लिए भी काफी दिनों से मशक्कत कर रहे थे कि सरकार ने जब गांववालों की जरूरत की परवाह नहीं की, तब निराश होकर गांव वाले ने खुद ही पुल बनाने की ठान ली और निर्माण शुरू कर दिया ।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है । उसमें देखा जा सकता है कि गांव के कुछ लोग पुल बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं । दरअसल उड़ीसा के बलनगीर जिले के तितलागढ़ ब्लॉक में कुटुराकेंड गांव के लोग का कहना है कि बारिश के दिनों में जगह-जगह पानी भर जाता है, जिससे लोगों को आने-जाने में दिक्कत हो रही थी । बारिश के मौसम में समस्या और बड़ी हो जाती है लाख कोशिश करने के बाद भी गांव वालों की किसी ने नहीं सुनी । गांववालों का कहना है कि ना सरकार न ही प्रशासन ने उनकी सुध ली ।
सरकार हर साल पुल बनाने के नए वादे करती है लेकिन अब तक पुल का निर्माण से जुड़ा कोई काम नहीं हुआ है इसीलिए गांव वालों ने प्रशासन के भरोसे बैठने की जगह खुद ही पुल बनाने का काम शुरू कर दिया । अब गांव वाले मिलकर लकड़ी का पुल बनाने में जुटे हुए ताकि बारिश के दिनों में हर कोई यहां आ जा सके।
सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है और लोग गांव वालों के जज्बे की खूब तारीफ कर रहे हैं । इसके साथ ही कई लोगों ने सरकारी महकमा को भी खरी खोटी सुनाई जो गांव वालों की दिक्कत समझने की जगह उनकी अनदेखी कर रहे हैं । मामला प्रकाश में आने के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के प्रधान प्रकार असित त्रिपाठी ने कहा कि मैं उनके प्रयासों की सराहना करता हूं । ग्रामीणों ने श्रम के साथ वित्तिय रूप में भी योगदान दिया है । इसके साथ ही उन्होंने नाले पर जल्द पुल बनाने का भरोसा दिलाया।