मुंबई: कई फ्रैक्टर और घावों से पीड़ित होने के बाद अपनी जिंदगी के लिए जूझ रहे 10 फीट लंबे अजगर की प्लास्टिक सर्जरी की जाएगी। माना जा रहा है कि ऐसा करना लुप्तप्राय वन्यजीवों के इलाज में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।
भारतीय रॉक अजगर को अगस्त में रेस्किंक एसोसिएशन फॉर वाइल्डलाइफ वेलफेयर (रॉ) और वन विभाग द्वारा बचाया गया था। वन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि सरीसृप पशु चिकित्सकों और पशु बचाव दल की एक टीम द्वारा तीन सप्ताह से अधिक समय से इस अजगर की निगरानी और उपचार किया जा रहा है।
अधिकारी ने कहा बचाव के पहले दिन से ही कई फ्रैक्चर और खुले घावों के कारण अजगर गंभीर स्थिति में है। हालांकि, कई प्रयासों और देखभाल के साथ उसकी स्थिति में सुधार भी है। अजगर के जीवन को बचाने और उसकी चिकित्सा और शारीरिक स्थिति में सुधार के लिए प्लास्टिक सर्जरी अब किया जाना है।
RAWW और महाराष्ट्र वन विभाग के मानद वन्यजीव वार्डन पवन शर्मा ने कहा, 'अजगर की हालत गंभीर है और हमारी टीमें इसका इलाज करने की पूरी कोशिश कर रही हैं। डॉ रीना देव अजगर के क्षतिग्रस्त चेहरे को फिर से ठीक करने के लिए प्लास्टिक सर्जरी कर रही हैं। यह सर्जरी गंभीर रूप से घायल लुप्तप्राय वन्यजीवों के इलाज में एक बड़ी सफलता साबित होगी।'
इससे पहले हाल ही में एक टूटे हुए पैर वाले मोर को राजभवन से बचाया गया था और उसकी सफलतापूर्वक बड़ी सर्जरी हुई थी। इसके बाद से उसमें तेजी से सुधार हो रहा है। पवन शर्मा ने लोगों से अपील की कि अगर वे किसी घायल या संकटग्रस्त वन्यजीव को देखते हैं तो वे वन विभाग और पशु बचाव दल को सूचित करें।