मैकडॉनल्ड्स (McDonalds) हलाल मीट को लेकर विवादों में आ गया है। सोशल मीडिया पर मैकडॉनल्ड्स को लेकर बहिष्कार करने की मांग हो रही है। ट्विटर पर #BoycottMcDonalds टॉप ट्रेंड में है। मैकडॉनल्ड्स ये ऐलान किया है कि विश्व के कहीं भी जहां उनका रेस्त्रां है वो अब हलाल सर्टिफाइड है। ट्विटर पर मैकडॉनल्ड्स इंडिया ने ट्वीट कर बताया है कि भारत के किसी भी रेस्त्रां के मैनेजर्स से हलाल सर्टिफिकेट मांगा जा सकता है। मैकडी के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया पर विवाद छिड़ गया और लोगों ने इसे बैन करने की मांग की है। सोशल मीडिया पर लोग मैकडॉनल्ड्स पर आरोप लगा रहे हैं कि वह गैर-मुस्लिमों को हलाल मीट खाने को मजबूर कर रही है। लोगों का कहना है कि ये सिर्फ मुस्लमानों का रेस्त्रां है।
ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा है, 'हिंदू, सिख समेत सारे गैर-मुस्लिम ग्राहकों को हलाल मीट खाने को मजबूर कर रहे हैं? क्या यह अल्पसंख्यकवाद की अत्याचार थोपना नहीं है? हिंदू धार्मिक भावना का क्या? हम आपके 80 प्रतिशत कस्टमर हैं, लेकिन क्या फिर भी हमारी कोई वैल्यू नहीं है।''
वहीं एक ट्विटर यूजर ने कहा, मुझे तो पता ही नहीं था कि मैकडॉनल्ड्स एक इस्लामिक फूडचेन है। मैं इस रेस्त्रां का खाना कभी नहीं खाऊंगी जो इस्लामी रीति-रिवाजों से खाने की चीजें सर्व करते हैं। भारत में सिर्फ 15 प्रतिशत मुस्लिम हैं।
वहीं एक यूजर ने लिखा है कि बाय, बाय McDonalds, हलाल एक बेहद दर्दनाक तरीका है, जिससे जानवरों को दर्द होता है।
प्रशान्त पटेल उमराव ने ट्वीट किया, खाने में भी धार्मिक भावना और धर्म, मैकडॉनल्ड्स को इग्नोर किया जाये।
आप भी देखें कुछ ट्वीट
मैकडॉनल्ड्स कार्पोरेशन (McDonald's Corporation) हैमबर्गर फास्ट फूड रेस्त्रां विश्व की सबसे बड़ी श्रृंखला है। मैकडॉनल्ड्स का दावा है कि उनके यहां हर दिन 58 मिलियन से ज्यादा कस्टमर्स आते हैं।
मैकडॉनल्ड्स ज्यादातर हैमबर्गर, चीजबर्गर, चिकेन के खाने के समान, फ्रेंच फ्राइस, नाश्ते के आइटम, सॉफ्ट ड्रिंक्स, मिल्कशेक और आइसक्रीम आदि बेचता है।