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गलत था माया कैलेंडर, 21 जून को खत्म हो जाएगी दुनिया! जानिए क्यों कहा जा रहा है ऐसा

By विनीत कुमार | Updated: June 13, 2020 11:31 IST

21 जून को दुनिया खत्म होने का दावा करने वाले बता रहे हैं कि ग्रेगोरियन कैलेंडर में हर साल 11 दिनों का जिक्र नहीं रहा है। ऐसे में कहा जा रहा है कि ये असल में 2020 नहीं बल्कि साल 2012 है।

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ठळक मुद्देसोशल मीडिया और इंटरनेट की दुनिया में चल रही है चर्चा, 21 जून को दुनिया के खत्म हो जाने का दावाइस थ्योरी की बात करने वालों के अनुसार ये साल 2020 नहीं बल्कि 2012 है

पूरी दुनिया साल 2020 में कोरोना महामारी से जूझ रही है। इसके अलावा चक्रवाती तूफान से लेकर दुनिया के कुछ हिस्सों में बाढ़, जंगलों में आग और भूकंप की घटनाओं ने पूरी दुनिया को परेशान कर रखा है। इन सबके बीच एक और चौंकाने वाला दावा सामने आया है। 

इस दावे के अनुसार अगले हफ्ते दुनिया खत्म हो जाएगी। दावे करने वाले बता रहे हैं कि दुनिया के लिए सबसे खराब समय अभी आना बाकी है और शायद 21 जून को पूरा विश्व तबाह हो जाएगा। इस दावे के बाद इंटरनेट और सोशल मीडिया की दुनिया में भी कई तरह की बातें हो रही हैं और अफवाहों का बाजार गर्म हो गया है। वैसे बता दें कि 21 जून को सूर्यग्रहण भी लगने जा रहा है।

क्यों किया जा रहा है ऐसा दावा?

ये दावा ग्रेगोरियन कैलेंडर को लेकर किया जा रहा है। इसे 1582 में लागू किया गया था लेकिन 11 दिनों की गिनती उसमें नहीं की गई थी। ऐसा इस लिहाज से किया गया था ताकि धरती के सूर्य के चक्कर लगाने का समय ठीक तरह से प्रतिबिंबित हो। 

ये 11 भले ही देखने में बहुत कम लगते हैं लेकिन 'कॉन्सपिरेसी थ्योरी' की बात करने वाले अब ये दावा कर रहे हैं कि 286 साल में ये 11-11 दिन जुड़ते गए और ऐसे में ये साल '2012' होना चाहिए। इन आशंकाओं को और बल एक वैज्ञानिक पाओलो टागालोगुइन के एक ट्वीट से मिला। 

पाओलो ने इस ट्वीट में कहा, 'जूलियन कैलेंडर की अगर माने तो हम तकनीकी रूप से साल 2012 में हैं। ग्रेगोरियन कैलेंडर में एक साल में 11 दिनों का नुकसान हुआ। ग्रेगोरिअन कैलेंडर को लागू हुए 268 साल (1752-2020) हो गए हैं। अब इस तरह से अगर इसे 11 से गुणा करें तो 2948 दिन होते हैं। 2948 दिन बराबर 8 साल होते हैं।' हालांकि बाद में वैज्ञानिक पाओलो ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।

21 जून को खत्म हो जाएगी दुनिया!

इस थ्योरी के अनुसार 21 जून, 2020 दरसअल 21 दिसंबर 2012 है। गौरतलब है कि पूर्व में माया कैलेंडर के अनुसार ये दावे किए जाते रहे थे कि 21 दिसबर 2012 को दुनिया खत्म होने वाली है।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार ऐसे दावे की शुरुआत तब हुई जिसमें कहा गया कि सुमेरिअन लोगों ने एक नए ग्रह नीबीरु की खोज की है। थ्योरी में कहा गया कि निबिरू ग्रह पृथ्‍वी की ओर बढ़ रहा है। 

दिलचस्प ये कि सबसे पहले ऐसे दावे किये गये थे कि मई 2003 में दुनिया खत्म होगी। हालांकि, जब ऐसा कुछ नहीं हुआ तो इसकी तारीख माया कैलैंडर से जोड़ते हुए बढ़ाकर 21 दिसंबर 2012 कर दी गई। हालांकि, तब भी कुछ नहीं हुआ।

ऐसे में अब 2020 में जब पूरी दुनिया एक महामारी से जूझ रही है तो इसे इस साल से जोड़ दिया गया है। नासा के मुताबिक इस दावे का भी कोई वैज्ञानिक और विश्‍वसनीय आधार नहीं है। नासा के अनुसार इस तरह के दावे केवल फिल्‍मों, किताबों और इंटरनेट ही चल रहे हैं और 2012 को लेकर भी ऐसे कोई आधार मौजूद नहीं थे।

टॅग्स :अर्थ (प्रथ्वी)
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