संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत और प्रतिनिधि अकबरुद्दीन ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर पर बंद कमरे में UNSC की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने जवाबों से सबको हैरत में डाल दिया। अकबरुद्दीन ने न केवल धैर्य के साथ तीन पाकिस्तानी और अन्य दूसरे विदेशी पत्रकारों के सवालों के जवाब दिये बल्कि पाकिस्तान के एक पत्रकार से आगे बढ़कर हाथ भी मिलाया। अकबरुद्दीन के इन कदमों की खूब तारीफ हो रही है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक के बाद अकबरुद्दीन ने मीडिया से बात की। इससे पहले चीन और पाकिस्तान के प्रतिनिधियों ने भी पत्रकारों से बात की। इसी दौरान जब एक पाकिस्तानी पत्रकार ने अकबरुद्दीन से पूछा, 'आप पाकिस्तान के साथ बातचीत कब शुरू करेंगे?' अकबरुद्दीन यह सवाल सुनते ही खुद आगे बढ़े और पाकिस्तानी पत्रकार से हाथ मिलाते हुए कहा, 'इसकी शुरुआत मुझे आपके पास आकर करने दीजिए।' इसके बाद अकबरुद्दीन ने दो अन्य पाकिस्तानी पत्रकारों से भी हाथ मिलाया। इस दौरान वहां मौजूद पत्रकार और डिप्लोमैट्स की हंसी छूट गई।
इसके बाद वापस अपने स्थान पर लौटते हुए अकबरुद्दीन ने कहा, 'मुझे आपसे यही कहना है कि हमने पहले ही देस्ती का हाथ आगे बढ़ा दिया है और हम शिमला एग्रीमेंट के साथ हैं। इस पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया क्या है, इसका इंतजार कीजिए।'
इससे पहले पाकिस्तान के एक पत्रकार ने पूछा था कि दोनों देशों के बीच कोई संपर्क क्यों नहीं है और भारत ने बातचीत के आग्रह के बावजूद कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी। इस पर अकबरुद्दीन ने कहा, 'बात करने के लिए पहले आतंक बंद कीजिए।'
अकबरुद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान एक कश्मीर पर बेवजह एक मुद्दा खड़ा करने की कोशिश कर रहा है जबकि जमीनी हकीकत इससे काफी दूर है। अकबरुद्दीन ने कहा, 'सबसे चिंता वाली बात ये है कि एक देश भारत में हिंसा फैलाने के लिए 'जिहाद' शब्द का इस्तेमाल कर रहा है।'