अमेरिका में भारतीयों के साथ अक्सर भेदभाव की खबरें सामने आती रहती है। ताजा मामला अमेरिका में आयोजित होने वाले गरबे की है। जहां एक भारतीय वैज्ञानिक के साथ भेदभाव किया गया। वडोदरा के रहने वाले एक खगोलशास्त्री जो अब अमेरिका में बस में बस गए है। उन्होंने कहा कि वो अपने तीन दोस्तों के साथ पिछले दिनों अटलांटा में एक गरबा कार्यक्रम में गए। उन्हें इस कार्यक्रम में इस वजह से निकाला क्योंकि उनका अब अमेरिका में बस गए हैं, ने आरोप लगाया है कि वह अपने तीन दोस्तों के साथ शुक्रवार को अटलांटा में एक गरबा स्थल से बाहर निकल गए थे क्योंकि उनका सरनेम हिंदू जैसा नहीं था।
सोशल मीडिया पर सुनाई पूरी दास्तां टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक करण जानी 29 साल के हैं और 2016 से वो अमेरिका में स्थित एक कंपनी में काम कर रहे हैं। वो जिस कंपनी में काम कर रहे थे उस कंपनी ने गुरुत्वाकर्षण तरंगों की खोज की थी। करण जानी ने अपनी पूरी दास्तां सोशल मीडिया पर लिखी है।
उन्होंने बताया कि वो पिछले 6 सालों से इसी गरबा वेन्यू में जा रहे हैं लेकिन आज तक उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई। इससे पहले मुझे आज तक कभी भी किसी प्रकार की रोक-टोक नहीं की गई। करण का आरोप है कि श्री शक्ति मंदिर के आयोजकों ने ढंग से उनकी बात तक नहीं सुनी और उन्हें वहां से बाहर निकाल दिया। यह मेरे लिए बेहद ही शर्मनाक था और मैं रोने लगा।