21 अप्रैल को हुए बम धमाकों से पूरा श्रीलंका कांप गया। इस धमाके में सैकड़ों लोग मारे गए और लगभग 500 लोग घायल हुए। इन्ही धमाकों के बीच फंसा एक भारतीय दंपति काफी भाग्यशाली रहा और सुरक्षित बचने में कामयाब रहा।
अभिनव चारी पत्नी नवरूप चारी के साथ कोलंबो के सिनमोन ग्रैंड होटल में रुके हुए थे। यह होटल उन 8 जगहों में से एक था जहां 21 अप्रैल को बम धमाके हुए। बिजनेस ट्रिप पर कोलंबो गए अभिनव जिस होटल में ठहरे थे वहां उस समय बम धमाका हुआ जब सुबह नाश्ता सर्व किया जा रहा था।
पत्नी नवरूप की तरह ही दुबई में पले-बढ़े अभिनव ने गल्फ न्यूज को बताया कि संयुक्त अरब अमीरात से वो केवल दो बार ही विदेश गए हैं। दोनों बार उनका सामना आतंकवादी घटनाओं से हुआ। यह दूसरी बार था जब अभिनव हमले में बचने में सफल रहे।
उनका पहला सामना मुंबई में 2008 में हुए आतंकी घटना से हुआ। उन्होंने बताया कि उस दौरान वह मेडिसिन की पढ़ाई के लिए मुंबई में थे। घटना के बाद 5-6 दिन का समय बहुत डरावना था।
अपने श्रीलंका यात्रा के बारे में बात करते हुए अभिनव ने बताया कि ईस्टर संडे का दिन था और हम चर्च गए हुए थे। चर्च के पादरी ने थोड़ी ही देर में लोगों से चर्च छोड़ने का अनुरोध किया।
अभिनव ने कहा कि चर्च से निकलने के बाद हम नाश्ता करना चाहते थे जिसके लिए हमने एक टैक्सी लिया। रास्ते में हमने अफरा-तफरी देखा, इसके बाद हमने होटल वापस जाना सही समझा। जब हम वहां पहुंचे सभी लोग बाहर लॉन में थे। हमें लगा कि यह कोई सिक्यूरिटी प्रोटोकॉल है।
नवरूप चारी ने गल्फ न्यूज को बताया कि खबर को जानने के लिए मीडिया या सोशल मीडिया के जरिए समझ पाना जल्दबाजी होता। ऐसे में हमें इस घटना की भयावहता के बारे में कुछ समझ नहीं आ रहा था। अभिनव का कहना है कि वह तो बच गया लेकिन इस तरह की धार्मिक कट्टरता और आतंकवादी घटनाओं का सवाल अभी भी उसके दिमाग में है।