पाकिस्तान की ओर से भारत को नीचा दिखाने का प्रयास हमेशा से किया जा रहा है। बीते दिन (3 जनवरी) प्रधानमंत्री इमरान खान ने बांग्लादेश के सात साल पुराने वीडियो को उत्तर प्रदेश का बताकर ट्वीट किया था। इमरान खान ने उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के साथ पुलिस की कथित ज्यादती के नाम पर जो वीडियो पोस्ट किया वह फर्जी निकला। इमरान ने भारत में नागरिकता संशोधन कानून विरोधी प्रदर्शनों के दौरान 'भारत में पुलिस हिंसा' का हवाला देते हुए तीन वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किए थे। उन्होंने लिखा, 'मोदी सरकार के जातीय सफाए के तहत भारतीय पुलिस मुसलमानों पर हमला करते हुए।'' लेकिन जैसे ही उनको पता चला कि ये वीडियो फेक हैं, उन्होंने डिलीट कर दिया। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। उसका स्क्रीनशॉट वायरल हो गया है। फेक न्यूज फैलाने के आरोप को लेकर इमरान खान पूरी दुनिया में ट्रोल हो रहे हैं।
भारत में सत्ता के पक्ष या विपक्ष में रहने वाले हर लोगों ने इमरान खान की आलोचना की है। आइए जानें किसने क्या कहा?
- यूपी पुलिस का ट्वीट
यूपी पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि वीडियो उत्तर प्रदेश का नहीं है। यह मई 2013 में बांग्लादेश के ढाका की घटना का है। वीडियो में इमरान ने पुलिस के जिन जवानों को उत्तर प्रदेश का बताया, उनकी वर्दी पर आरएबी लिखा हुआ है। आरएबी (रैपिड एक्शन बटैलियन) बांग्लादेश पुलिस की आतंकरोधी इकाई है।
- यूएन में भारत के राजदूत अकबरुद्दीन ने पाक पीएम को दिया जवाब
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने इमराम खान के ट्वीट पर जवाब देते हुए कहा कि वह हमेशा से ऐसा करते आए हैं। पाकिस्तान की ओर से बार-बार ऐसा ही किया जाता है।
- विदेश मंत्रालय ने इस फेक वीडियो को जारी करने पर इमरान खान की आलोचना की जिसके बाद इमरान खान ने ट्वीट हटा दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इसे फेक न्यूज बताया।
कांग्रेस छोड़ शिवसेना में गईं नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस मामले पर इमरान खान की आलोचना की है।
पढ़ें और लोगों ने क्या कहा?
बता दें कि पाकिस्तान की ओर भारत के नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर लगातार हमलावर ट्वीट किए जा रहे हैं। पाकिस्तान के कई सांसद और मंत्री सीएए को लेकर केंद्र के नरेंद्र मोदी सरकार की ओलचना कर रहे हैं।