नई दिल्ली: कांग्रेस और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई दो साधुओं की हत्या पर ट्वीट कर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफे की मांग की है। हार्दिक पटेल अपने इस ट्वीट को लेकर जमकर ट्रोल हो गए हैं। महाराष्ट्र के पालघर के बाद उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई साधुओं की हत्या के मामले पर अब राजनीति शुरू हो गई है। विपक्ष के कई नेताओं ने सीएम योगी आदित्यनाथ को इस मामले पर घेरने की कोशिश की है। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के अनूपशहर क्षेत्र में स्थित एक शिव मंदिर में मंगलवार (28 अप्रैल) को तड़के दो साधुओं की लाठी से प्रहार कर हत्या कर दी गई थी।
कांग्रेस और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने ट्वीट कर लिखा, ''महाराष्ट्र में दो साधुओं की मॉब लिंचिंग के बाद अब उत्तर प्रदेश में साधुओं की हत्या हुई है। महाराष्ट्र की घटना पर दो-दो घंटे टीवी डिबेट करने वाले, उत्तर प्रदेश की घटना पर चुप हैं। योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा क्यूं नहीं मांगते। भाजपा के चमचे हर गुनाह का राजनीतिकरन करते हैं। हे राम..!''
हार्दिक पटेल का यह ट्वीट वायरल हो गया है। ट्वीट पर साढ़े 26 हजार लाइक्स हैं और साढ़े पांच हजार रिट्वीट है। (खबर लिखे जाने तक)
हार्दिक पटेल के ट्वीट पर लोग प्रतिक्रिया देते हुए कह रहे हैं कि आपको उत्तर प्रदेश में साधुओं की हत्या याद आ गई है लेकिन पालघर पर आप चुप्पी साधे थे। ट्वीट पर प्रतिक्रिया में हार्दिक पटेल के लिए अपशब्द के भी इस्तेमाल किए गए हैं।
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बुलंदशहर दो साधुओं की हत्या केस पर अपडेट
बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने बताया कि अनूपशहर थाना क्षेत्र स्थित फगौना गांव में एक शिव मंदिर में जगदीश (50) और शेर सिंह (52) नामक साधुओं की हत्या कर दी गई। उन्होंने बताया कि गांव का ही रहने वाला मुरारी नामक युवक अक्सर मंदिर आता था और वह नशे का आदी था और करीब दो दिन पहले उसने कथित रूप से इन साधुओं का चिमटा चुरा लिया था। मंगलवार तड़के इसी बात को लेकर उनका मुरारी के साथ झगड़ा हुआ था।
सिंह ने बताया कि मुरारी ने दोनों साधुओं की डंडे से प्रहार कर हत्या कर दी। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक ग्रामीणों की मदद से पकड़े गये हत्यारोपी ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि 27/28 अप्रैल की दरम्यानी रात को वह भांग खाकर मंदिर गया और वहां सो रहे दोनों साधुओं के सिर पर लाठी से वार करके उन्हें मार डाला। हत्या की वजह के बारे में पूछे जाने पर मुरारी ने बताया कि उसकी साधुओं से कोई रंजिश नहीं थी। यह घटना 'भगवान की इच्छा' है।