जम्मू: अपने मुहल्ले की सड़क की बदहाली को दूर करवाने की खातिर इंटरनेट पर वीडियो डालने वाली अनाम नन्ही रिपोर्टर की पुकार की ओर फिलहाल प्रशासन का ध्यान नहीं है। वे इसके पीछे अभी तक नन्ही रिपोर्टर के मुहल्ले और गांव की पहचान का न होना बता रहे थे। यही कारण था कि यह नन्ही रिपोर्टर महिरू इरफान की तरह खुशनसीब नहीं निकली है जिसकी पुकार पर प्रधानमंत्री से लेकर उप-राज्यपाल तक ने 48 घंटों के भीतर ही नई नीति बनाने के निर्देश जारी कर दिए थे।
दरअसल कश्मीर में गलियों और सड़कों की बदहाली की कहानी सुनाती एक छोटी बच्ची का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ था। ट्विटर पर कई लोगों ने उसके वीडियो को साझा किया था और एक लाख से ज्यादा लोग वीडियो को देख चुके हैं। गुलाबी रंग की जैकेट पहने बच्ची किसी पेशेवर टीवी पत्रकार की तरह अपने घर के बाहर की सड़क की खस्ताहाल की तरफ लोगों और प्रशासन का ध्यान दिला रही थी।
जानकारी के लिए पिछले साल जून महीने में छह साल की महिरू इरफान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित 71 सेकंड के एक वीडियो में ऑनलाइन कक्षाओं की अवधि की सीमा तय करने की मांग की थी। इसके बाद वह रातों रात सुर्खियों में आ गई थी। इस वीडियो ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का ध्यान खींचा था, जिन्होंने स्कूली शिक्षा विभाग को स्कूली छात्रों पर होमवर्क का बोझ कम करने के लिए 48 घंटे में नीति लाने का निर्देश दिया था।
हालांकि ताजा वीडियो के बारे में फिलहाल प्रशासन यह भी पता नहीं कर पाया है कि यह कब का है। वे कहते थे कि इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही है। गुलाबी जैकेट पहने लड़की जिसके नाम की पुष्टि नहीं हो रही है वह जगह-जगह घूम कर वीडियो शूट कर रही है, साथ ही शिकायत कर रही है कि खराब सड़क के कारण मेहमान उसके घर नहीं आ सकते। लड़की ने अपने कैमरापर्सन जिसे वह मां बुला रही है उससे सड़क को ठीक से दिखाने के लिए कहती है।
कश्मीर घाटी में हाल ही में भारी हिमपात और बारिश हुई है। बच्ची अपने वीडियो में बताती है कि कैसे कीचड़ और बारिश ने स्थिति को और खराब कर दिया है। मोबाइल फोन से शूट किए गए 2.08 मिनट के वीडियो में लड़की गड्ढों को दिखाते हुए सड़क पर चली गई। लड़की ने दिखाया कि कैसे लोग सड़कों पर कचरा फेंक रहे थे।
वीडियो को कई ट्विटर यूजर्स ने शेयर किया है और इसे एक लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है। यह पहली बार नहीं है जब घाटी के किसी बच्चे ने वीडियो संदेशों के जरिए अधिकारियों से अपील की है। पर सभी खुशनसीब नहीं थे जिनकी बात सुनी गई हो।