वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने SBI चेयरमैन की लगाई क्लास, वायरल ऑडियो में कहा- बेरहम बैंक, जानें पूरा मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 15, 2020 07:04 PM2020-03-15T19:04:49+5:302020-03-15T19:05:33+5:30
बैंक कार्यक्रम के दौरान भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार को खरी खोटी सुनाए जाने की कड़ी निंदा की है.
नई दिल्ली: बैंक अधिकारियों के संगठन एआईबीओसी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पिछले महीने गुवाहाटी में एक बैंक कार्यक्रम के दौरान भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार को खरी खोटी सुनाए जाने की कड़ी निंदा की है. अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (एआईबीओसी) ने दावा किया कि सोशल मीडिया पर ऑडियो क्लिप प्रसारित हुआ है.
इससे पता चलता है कि फरवरी में ग्राहकों तक पहुंच कार्यक्रम के दौरान वित्त मंत्री ने एसबीआई प्रमुख को डांट लगाई. कर्ज उठाव कम रहने को लेकर उन्हें दोषी ठहराया. एआईबीओसी बैंक अधिकारियों का बड़ा संगठन है. इसके सदस्यों की संख्या 3,20,000 है. संगठन के यहां जारी एक बयान में कहा है कि वह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन को झिड़कने की पुरजोर निंदा करता है.
एआईबीओसी के अनुसार ऐसा जान पड़ता है कि 27 फरवरी 2020 को एसबीआई वित्तीय समावेश कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान वित्त मंत्री ने असम के वित्त मंत्री और वित्तीय सेवा विभाग के अधिकारियों और अन्य बैंकों के प्रमुखों की मौजूदगी में एसबीआई चेयरमैन को डांट लगाई.
सोशल मीडिया पर फैलाया मामला
बयान के अनुसार वित्त मंत्री ने रजनीश कुमार को डांट लगाते हुए अपमानित किया और उन पर खासकर असम में चाय बगान कर्मियों को कर्ज देने में विफल रहने के लिए जिम्मेदार ठहराया. संगठन ने कहा कि वित्त मंत्री ने हृदयविहीन बैंक कहा और एक तरह से देश के सबसे बड़े बैंक के प्रमुख का अपमान किया. सबसे दु:खद है कि किसी ने पूरे मामले को रिकार्ड कर लिया और यह सुनिश्चित किया कि वह सोशल मीडिया पर फैले.
बैंक की छवि खराब करना है मकसद
बयान के अनुसार इस ऑडियो को प्रचारित-प्रसारित करने का मकसद देश के सबसे बड़े बैंक की छवि लोगों के सामने खराब करना है. एआईबीओसी ने आगे कहा, ''हमारा मानना है कि जन प्रतिनिधियों को सार्वजनिक क्षेत्र के शीर्ष स्तर के अधिकारियों के साथ इस प्रकार के खराब आचरण से बचना चाहिए.'' संगठन ने पूरे प्रकरण के रिकार्डिंग और उसे सोशल मीडिया पर फैलाने की तत्काल जांच करने की भी मांग की है.
(पीटीआई भाषा एजेंसी से इनपुट)