14 फरवरी को 'वैलेंटाइन डे' के रूप में मनाया जाता है, लेकिन इसे 'काला दिवस' के रूप में चलाने की जबरदस्त कोशिश की जा रही है। इसके लिए कुछ पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि महान क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को 14 फरवरी 1931 के दिन ही फांसी दी गई थी। वहीं कुछ लोगों का दावा है कि भगत सिंह को इसी दिन फांसी की सजा सुनाई गई थी।
सोशल मीडिया पर लगातार अपील जा रही है कि 14 फरवरी को 'वैलेंटाइन डे' के रूप में नहीं, बल्कि 'काला दिवस' के तौर पर मनाया जाए।
26 फरवरी, 2011 को 'द हिंदू' में प्रकाशित एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया था, कि किस तरह 13 और 14 फरवरी के बीच भगत सिंह के विकिपीडिया पेज में 30 से ज्यादा बार बदलाव किए गए थे। इस पेज के एडमिन Philip Tinu Cherian के हवाले से रिपोर्ट में लिखा गया- "लोग लगातार भगत सिंह को फांसी पर लटकाने की तारीख को 14 फरवरी, 1931 और 23 मार्च के बीच बदल रहे थे। मैं हैरान हूं कि शायद यह वैलेनटाइन डे से ध्यान हटाने के लिए रचा गया षड्यंत्र है।"
क्या है सच्चाई: जब इस बात की पड़ताल की गई, तो पाया गया कि सुप्रीनटेंडेंट द्वारा पेश किए गए डेथ सर्टिफिकेट पर भगत सिंह को फांसी दिए जाने की तारीख 23 मार्च 1931 दर्ज है।
वहीं indialawjournal.org में फांसी की सजा की तारीख साफ तौर पर 7 अक्टूबर 1930 दर्ज है।