NDTV के पूर्व मैनेजिंग एडिटर अनिंद्यो चक्रवर्ती ने 20 सालों बाद मीडिया कंपनी (NDTV) से इस्तीफा दिया है। जिसके बाद उन्होंने इस बात का खुलासा किया है कि आखिर 20 सालों तक सेवा देने के बाद उन्होंने कंपनी क्यों छोड़ी? ये सवाल पत्रकार अनिंद्यो चक्रवर्ती से सोशल मीडिय पर भी पूछा जा रहा था। इस सवाल का जवाब देते हुये अनिंद्यो चक्रवर्ती ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है, मैंनें NDTV नहीं छोड़ा है। NDTV ने मेरा कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू नहीं किया है। उनको नहीं लगता था कि मेरा टीवी पर आने वाला शो किसी काम का था। इसलिए मैं अब अपना कनटेंट यूट्यूब चैनल पर ले आया हूं।'' अनिंद्यो चक्रवर्ती के यूट्यूब चैनल का नाम ''देसी डेमोक्रेसी'' है।
इससे पहले तीन सितंबर को अनिंद्यो चक्रवर्ती ने अपने फेसबुक पेज पर इस बात की जानकारी दी थी कि उन्होंने NDTV छोड़ दिया है। अनिंद्यो चक्रवर्ती ने फेसबुक पर लिखा, '' दोस्तों, NDTV में मेरा 20 साल का इनिंग्स खत्म हुआ। अब मैं अपनी राय और अपना सिम्पल समाचार आप तक मेरे youtube चैनल #DesiDemocracy के द्वारा लाऊँगा। यह चैनल सिम्पल तरीके से जटिल खबरों को पेश करेगा, उनका विश्लेषण करेगा। साथ में इससे ही मेरी रोजी रोटी भी चलेगी। इसलिए आप लोगों की सख्त मदद की जरूरत है। कृपया मेरे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, और बैलआइकॉन पर क्लिक करें। मेरे वीडियो भी जरूर देखें। मेरी कोशिश होगी आप सब तक, सिम्पल तरीके से डेटा और तथ्य पेश करना। साथ में, मैं आप को किसी भी विवादित विषय पर दोनों पक्षों का सबसे अच्छा तर्क दूँगा - The Best Argument। मेरा यूट्यूब चैनल जरूर देखें, सबस्क्राइब करें और अपने जान पहचान के लोगों को भी बताएं। मैं आपका आभारी रहूँगा और आप के भरोसे पर खरा उतरूँगा। मुझे 10,000 सब्सक्राइबर तक पहुँचने में मेरी मदद करें।''
22 अगस्त को भी अनिंद्यो चक्रवर्ती ने मीडिया में चल रही छटनी के बारे में लिखा था। उन्होंने अपनी एक NDTV पर प्रकाशित ब्लॉग को शेयर कर लिखा है, ''पिछले 4-5 सालों में मैं लगातार नौकरियों की कमी के बारे में बोलता रहा। एनडीटीवी के अलावा, बाकी नेशनल मीडिया चुप रहा। अब अचानक नौकरियों को लेकर इतने हेडलाइन क्यों? क्योंकि अब देश के कॉर्पोरेट को भी मंदी की आंच सुलघने लगी है। अब मीडिया चाहती है कि कॉर्पोरेट को टैक्स रिलीफ मिले और कोई 'स्टिमुलस पैकेज' मिले। लेकिन कॉर्पोरेट को क्यों? हमें क्यों नहीं, जो चीजे खरीदते हैं, जिनकी नौकरियां जा रही है, जिनको इंक्रीमेंट नहीं मिल रहा?''