शिवसेना, राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस से मिलाकर बनी महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने पहला तंजभरा ट्वीट किया है। बीजेपी नेता देवेंद्र फड़नवीस ने ट्वीट करते हुए लिखा, अगर इस सरकार के पास बहुमत है, तो चुपके से सदन बुलाने का फैसला क्यों? प्रोटेम स्पीकर को असंवैधानिक तरीके से बदलने की कोशिश क्यों? अपने ही विधायकों पर इतना अविश्वास क्यों किया रहा है?। फड़नवीस ने ट्वीट में यह भी कहा है कि पहली कैबिनेट में सरकार ने किसानों की राहत पर चर्चा नहीं की बल्कि बहुमत को लेकर चर्चा की। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने उद्धव ठाकरे को सीएम बनने के लिए भी ट्वीट कर बधाई दी है।
वहीं एक अन्य ट्वीट में फड़नवीस ने लिखा, जब बीजेपी ने अपना विरोध और विकास के मोर्चे पर कई तरह के प्रदर्शनों और दावों की घोषणा की है, तो क्यों आप छिपें और डरें थे,महाराष्ट्र को चाहिए जवाब!
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के ट्वीट पर कई यूजर ने कमेंट किया है कि आप हमारे लिए अब भी सीएम हैं और आप हमारे दिलों में राज करते हैं।
लेकिन इसी के साथ कई यूजर ने देवेंद्र फड़नवीस से ये भी कहा है कि आप अब सिर्फ महाराष्ट्र नहीं बल्कि पूरे देश के नेता हैं, इसलिए आपको हिंदी में भी ट्वीट करना चाहिए।
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वहीं एक यूजर का कहना है कि देवेंद्र फड़नवीस महा विकास अघाड़ी सरकार को लेकर एक बड़ा संकेत दे रहे हैं।
उद्धव ठाकरे के साथ तीनों दलों में दो-दो नेताओं ने मंत्री के तौर पर शपथ ली
उद्धव ठाकरे ने सीएम पद और उसके साथ ही शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई, कांग्रेस के मंत्री बालासाहेब थोराट और नितिन राउत और राकांपा के मंत्री छगन भुजबल और जयंत पाटिल ने भी शपथ ली। शिवाजी पार्क में गुरुवार शाम शपथग्रहण समारोह में तीनों दलों में प्रत्येक से दो-दो नेताओं ने मंत्री के तौर पर शपथ ली।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरुवार शाम पद की शपथ लेने के बाद सहयाद्री गेस्ट हाउस में अपने मंत्रिमंडल की पहली बैठक की। शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई, कांग्रेस के मंत्री बालासाहेब थोराट और नितिन राउत और राकांपा के मंत्री छगन भुजबल और जयंत पाटिल दक्षिण मुंबई में बैठक के आयोजन स्थल पर आते हुए नजर आए।
बता दें कि शनिवार (23 नवंबर) को देवेंद्र फड़नवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 26 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देवेंद्र फड़नवीस और अजित पवार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। देवेंद्र फड़नवीस ने इस्तीफे से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि अजित पवार ने अपना समर्थन वापस ले लिया है, जिसके बाद बीजेपी के पास विधायकों का समर्थन नहीं है। अजित पवार ने बीजेपी को भरोसा दिलाया था कि वह 36 विधायकों का समर्थन दिलवाएंगे।
महाराष्ट्र में 288 सीटों के लिए हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 105, कांग्रेस को 44, शिवसेना को 56 और एनसीपी को 54 सीट मिले थे।