कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी के एक ट्वीट से पार्टी की शीर्ष नेता नाराज हो गए हैं। अभिषेक मनु सिंघवी ने बीते दिन (21 अक्टूबर) को बीजेपी के नायकों में शामिल विनायक दामोदर सावरकर की प्रशंसा में एक ट्वीट कर दिया। अभिषेक मनु सिंघवी ने ये ट्वीट तब किया जब महाराष्ट्र और हरियाणा में वोटिंग हो रहे थे। अपने इस ट्वीट को लेकर अभिषेक मनु सिंघवी की सोशल मीडिया पर भी जमकर आलोचना हुई है।
क्या लिखा था अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट में
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने अपने ट्वीट में लिखा था, "मैं व्यक्तिगत रूप से सावरकर की विचारधारा का समर्थन नहीं करता हूं, लेकिन इस तथ्य को नहीं नकारता हूं कि वह एक परिपूर्ण व्यक्ति थे, जिन्होंने हमारे स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया था। सावरकर ने दलित अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और देश के लिए जेल गए।"
मनु सिंघवी के इस ट्वीट करने के बाद कहा जा रहा है कि कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी भी इस बात से खफा हैं। उन्होंने अपने एक विश्वस्त को सिंघवी को फोन करने को कहा और उनसे सफाई मांगी है। वहीं मनु सिंघवी के इस ट्वीट के नीचे कमेंट कर लोगों ने उनकी आलोचना की है।
एक यूजर ने लिखा, ये केवल सुविधाजनक सोच है। आप जैसे लोग कोंग्रेस को ख़त्म कर रहे हो। बीजेपी की परोसी हर गंदगी को हजम कर रहे हो। क्योकि आप में संघर्ष का नैतिक बल नहीं है। इस कारण ऐसी सोच रखते हो।
एक यूजर ने लिखा, आजकल कांग्रेस वालों का कुछ पता नहीं चल रहा जिस विचारधारा की दुहाई दिन रात देते हैं वो शायद भूल चुके हैं।
वीर सावरकर को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग के बाद चल रहा है बयानबाजी का दौर
अखिल भारत हिन्दू महासभा ने वीर सावरकर को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की है। इसके साथ ही महासभा ने यह मांग भी की है कि भारतीय मुद्रा से महात्मा गांधी का फोटो हटा कर वीर सावरकर का फोटो अंकित किया जाए। हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित अशोक शर्मा एवं प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक अग्रवाल ने संयुक्त रूप से सावरकर को भारत रत्न देने की मांग उठाते हुए कहा था कि सरकार की उनके प्रति सच्ची श्रद्धाजंलि यही होगी कि उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने के साथ ही भारतीय मुद्रा से महात्मा गांधी का चित्र हटा कर उनका चित्र अंकित करे। हिन्दू महासभा नेताओं ने कहा कि वीर सावरकर द्वारा की गई राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ सेवा को झुठलाया नहीं जा सकता।