संशोधित नागरिकता कानून (CAA) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) को लेकर उत्तर प्रदेश के 21 जिलों में हिंसक प्रदर्शन के दौरान 15 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हो गए। उत्तर प्रदेश पुलिस प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने की बात नकार रही थी और उसने कुछ ऐसे वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की हैं, जिनसे उसके दावे की पुष्टि होती दिख रही है। एक तस्वीर में एक शख्स हाथ में पिस्तौल लिए नजर आ रहा है। शख्स ने चेहरे पर मास्क पहना हुआ है जिससे उसकी पहचान नहीं हो पाई है।
उत्तर प्रदेश पुलिस का कहना है कि हाथ में पिस्तौल लिए शख्स की तस्वीर 19-20 जनवरी को हुए हिंसक प्रदर्शन की है। हिंसक प्रदर्शन में सबसे ज्यादा 6 लोगों की मौत मेरठ में हुई।
पुलिस द्वारा जारी की गई तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। उत्तर प्रदेश के उपमुख्मंत्री दिनेश शर्मा कह चुके हैं कि पुलिस को भी इन प्रदर्शनों के दौरान काफी हानि पहुंची। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''21 जिलों में भड़की हिंसा में 288 पुलिसवाले घायल हुए हैं और उनमें से 62 जवान गोली लगने से जख्मी हुए हैं।''
शर्मा ने बताया कि जिन जगहों पर हिंसा हुई, वहां से 500 प्रतिबंधित कारतूस बरामद हुए हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएए के खिलाफ हिंसक आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की निंदा की और कहा कि प्रदर्शनकारियों को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।
लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी के शिलान्यास समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं उन लोगों से कहना चाहता हूं जिन्होंने उत्तर प्रदेश में हिंसा का सहारा लिया वे घर पर बैठे और खुद से पूछे कि उन्होंने जो किया वह अच्छा था या बुरा। उन्होंने बसों और सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट कर दिया जो भविष्य की पीढ़ी के लिए हैं।
पीएम मोदी ने भी विरोध प्रदर्शनों में "अच्छा काम" करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस की तरीफ भी की।