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दुनिया के 'सबसे अकेले इंसान' की ब्राजील में अमेजन के जंगल में मौत, दुर्लभ जनजाति का था आखिरी सदस्य

By विनीत कुमार | Updated: August 30, 2022 11:34 IST

अमेजन के वर्षा वन में पिछले करीब 26 साल से अकेला रह रहा शख्स मृत पाया गया है। यह शख्स ब्राजील के एक ऐसे मूल दुर्लभ जनजाति का आखिरी शख्स था जिससे बाहरी दुनिया का कोई संपर्क नहीं था।

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ठळक मुद्देअमेजन के जंगलों में 26 साल से अकेले रह रहे आदिवासी शख्स की मौत।स्थानीय अधिकारियों के अनुसार शख्स एक दुर्लभ जनजाति का आखिरी सदस्य था।1970 से 1995 के बीच इस दुर्लभ जनजाति के सभी सदस्य मारे दिए गए थे।

ब्रासिलिया: अमेजन के जंगलों में 26 साल से अकेले रह रहे आदिवासी शख्स की ब्राजील में मृत्यु हो गई है। स्थानीय अधिकारियों ने ये जानकारी दी। इस शख्स को दुनिया का 'सबसे अकेला इंसान' भी कहा जाता था।

'द गार्डियन' की रिपोर्ट के अनुसार, यह रहस्यमयी व्यक्ति ब्राजील के एक ऐसे मूल दुर्लभ आदिवासी समूह का आखिरी शख्स था जिससे बाहरी दुनिया का कोई संपर्क नहीं था। इस शख्स को 'मैन ऑफ द होल' के रूप में भी जाना जाता था क्योंकि उसने अपना अधिकांश जीवन जमीन में गड्ढों खोद कर उसमें रहने या छुपने में बिताया।

ब्राजील: 23 अगस्त को मिला शख्स का शव

ब्राजील में मूल निवासियों के मामलों की एजेंसी (Funai, फनाई) ने बताया कि इस शख्स का शव 23 अगस्त को उसकी भूसे की झोपड़ी के बाहर एक झूले में मिला था। यह ब्राजीलियाई एजेंसी दूर से इस शख्स पर निगरानी रख रहा था। अधिकारियों ने कहा कि शख्स के साथ हिंसा के कोई संकेत नहीं मिले हैं। उन्होंने यह भी बताया कि चूंकि शख्स ने अपने शरीर के चारों ओर चमकीले रंग के पंख लगा लिए थे, इसलिए ऐसा माना जाता है कि वह शख्स अपनी मृत्यु के लिए तैयार था।

अनुमान है कि उस शख्स की आयु लगभग 60 वर्ष थी। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार वह रोन्डोनिया राज्य में तनारू क्षेत्र में रहने वाले एक मूल समूह में से आखिरी व्यक्ति था। ब्राजील की संघीय पुलिस अब शख्स के शव का पोस्टमार्टम करेगी और एक रिपोर्ट तैयार करेगी।

1995 में खत्म हो गए थे शख्स की जनजाति के सभी सदस्य

अधिकारियों का मानना ​​​​है कि ये शख्स तनारू क्षेत्र का एकमात्र मूल निवासी था। इस क्षेत्र को ब्राजील के सबसे हिंसक क्षेत्रों में से एक माना जाता है। एक गैर-लाभकारी संगठन सर्वाइवल इंटरनेशनल (Survival International) के अनुसार 1970 के दशक से जमीन के लिए कुछ मवेशी पालने वाले ग्रुप द्वारा कथित तौर पर किए गए हमलों की एक श्रृंखला में बाकी जनजाति का नरसंहार कर दिया गया। आखिर कुछ सदस्यों को 1995 में खत्म कर दिया गया था।

रिपोर्ट्स के अनुसार इस मूल आदिवासी समुदाय के बारे में बहुत कम जानकारी है क्योंकि नरसंहार के बाद जिंदा रहे एकमात्र शख्स ने उससे संपर्क के अधिकारियों के कई प्रयास का विरोध किया था। ऑब्जर्वेटरी फॉर द ह्यूमन राइट्स ऑफ आइसोलेटेड एंड रीसेंट कॉन्टैक्ट इंडिजिनस पीपल्स (ओपीआई) ने इस व्यक्ति की मौत के बारे में जानकारी मिलने पर लिखा, 'वह किस जाति के थे, और अपने घर के अंदर गड्ढों को खोदने की वजहों का खुलासा किए बगैर उनकी मृत्यु हो गई।'

इस 'द मैन ऑफ द होल' को आखिरी बार 2018 में एक सरकारी टीम द्वारा फिल्माया गया था। उस दौरान उसे एक पेड़ को काटने के लिए कुल्हाड़ी जैसे नुकीले उपकरण का उपयोग करते हुए देखा गया था।

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