दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के कैंपस के बाहर नए साल की पूर्व संध्या पर राष्ट्रगान गाकर छात्रों और प्रदर्शनकारियों ने आने वाले साल का स्वागत किया। छात्रों ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) खिलाफ प्रदर्शन कर रहे अन्य स्थानीय लोगों के साथ दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में राष्ट्रीय गान गाया। जिसका वीडियो ट्विटर पर वायरल हो रहा है। इसी मुद्दे को लेकर ट्विटर पर "National Anthem" ट्रेंड कर रहा है। इस ट्रेंड के साथ यूजर जामिया में गाए गए राष्ट्रीय गान का वीडियो शेयर कर रहे हैं।
ट्विटर पर वायरल एक वीडियो में छात्रों को स्थानीय लोगों के साथ सीएए और एनआरसी से 'आजादी' की मांग करते देखा जा रहा है। वहां हजारों लोग इकट्ठा हुए थे। लोग वहां पर राष्ट्र ध्वज फहराते और सीएए के खिलाफ नारों वाली तख्तियां लिए हुए थे।
जैसे ही रात को 12 बजे प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने राष्ट्रगान गाया और उसके बाद इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए। मंच पर लगे कुछ बैनर पर लिखा है, 'द आजादी नाइट'।
देखें प्रतिक्रिया
पिछले महीने से जामिया मिलिया इस्लामिया में CAA को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं
जामिया मिलिया इस्लामिया में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ तकरीबन 13 दिसंबर से विरोध प्रदर्शन जारी है। सैड़कों लोग विश्वविद्यालय के बाहर सड़क पर इस अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। नूर नगर, बटला हाउस और ओखला के कई स्कूलों के विद्यार्थियों ने सोमवार को प्रदर्शन में हिस्सा लिया। जामिया के विद्यार्थियों ने संशोधित कानून को वापस लेने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस टिप्पणी पर सवाल किया कि उनकी सरकार ने 2014 में सत्ता में आने के बाद राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर कोई चर्चा नहीं की। विद्यार्थियों ने पूछा कि अगर सभी मुस्लिम, ईसाई और अन्य अल्पसंख्यक ‘बाहरी’ और ‘अवैध प्रवासी’ हैं तो केंद्र सरकार कितने डिटेंशन सेंटर (हिरासत गाह) बनाएगी।
छात्रों ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री को पुलिस बल से ‘अचानक से प्यार’ हो गया है। जामिया के एक विद्यार्थी आशीष झा ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘जब एक महीने पहले अदालतों में पुलिस को पीटा गया था तब इस सरकार ने एक भी मामला दर्ज नहीं किया था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तब वे पुलिस से प्यार नहीं करते थे। अब जब पुलिस ने जामिया, एएमयू और अन्य विश्वविद्यालयों में छात्रों को पीटा तो वे पुलिस को ‘शहीद’ कह रहे हैं। उत्तर प्रदेश में जान गंवाने वाले छात्रों और अन्य का क्या?’’