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अलीराजपुरः 15 साल से तीन प्रेमिकाओं के साथ रह रहा था पूर्व सरपंच, छह बच्चे के सामने तीनों से किया शादी, निमंत्रण कार्ड वायरल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 2, 2022 22:33 IST

इंदौर से करीब 200 किलोमीटर दूर नानपुर गांव के पूर्व सरपंच समरथ मौर्य ने अपनी तीनों प्रेमिकाओं से एक साथ शादी की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि पहली प्रेमिका से उनकी मंगनी वर्ष 2003 में हुई थी और पिछले 15 साल से उनकी दो अन्य प्रेमिकाएं भी उनके साथ ही रह रही हैं।

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ठळक मुद्देविवाह की निमंत्रण पत्रिका और तस्वीरें वायरल होने के बाद यह शादी चर्चा का विषय बन गई है।मेहमानों को विदा करने में व्यस्त मौर्य हालांकि ज्यादा बातचीत नहीं कर सके।मौर्य ने एक मंडप के नीचे अपनी तीनों प्रेमिकाओं से एक साथ फेरे लिए।

इंदौरः मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में आदिवासी समुदाय के एक पूर्व सरपंच ने अपनी तीन प्रेमिकाओं से जनजातीय परंपराओं के मुताबिक एक साथ ब्याह रचाया है। दूल्हे और स्थानीय लोगों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

खास बात यह है कि तीनों महिलाएं इस पुरुष के साथ करीब 15 साल से रह रही हैं और उनके कुल छह बच्चे भी रविवार को संपन्न इस अनूठे विवाह समारोह में पूरे उत्साह से शामिल हुए। सोशल मीडिया पर इस विवाह की निमंत्रण पत्रिका और तस्वीरें वायरल होने के बाद यह शादी चर्चा का विषय बन गई है।

इंदौर से करीब 200 किलोमीटर दूर नानपुर गांव के पूर्व सरपंच समरथ मौर्य ने अपनी तीनों प्रेमिकाओं से एक साथ शादी की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि पहली प्रेमिका से उनकी मंगनी वर्ष 2003 में हुई थी और पिछले 15 साल से उनकी दो अन्य प्रेमिकाएं भी उनके साथ ही रह रही हैं।

आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिले के मोरी फलिया गांव में संपन्न शादी में शामिल मेहमानों को विदा करने में व्यस्त मौर्य हालांकि ज्यादा बातचीत नहीं कर सके। लेकिन विवाह समारोह में शामिल स्थानीय लोगों ने बताया कि शादी की रस्में जनजातीय परम्पराओं के मुताबिक तीन दिन तक चलीं और मौर्य ने एक मंडप के नीचे अपनी तीनों प्रेमिकाओं से एक साथ फेरे लिए।

चश्मदीदों ने बताया कि शादी में शामिल मेहमानों ने ढोल और मांदल (आदिवासियों का पारम्परिक बाजा) की थाप पर जनजातीय शैली का नृत्य कर जोरदार जश्न मनाया। स्थानीय लोगों के मुताबिक आदिवासियों के मांगलिक कार्यों में एक दम्पति के रूप में शामिल होने की सामाजिक मान्यता हासिल करने के लिए इस समुदाय के हर जोड़े के लिए जरूरी है कि पहले वे जनजातीय रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह रचाएं।

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