उत्तर प्रदेश के बांदा में स्वास्थय विभाग की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है। यहां कुछ महिलाओं की नसबंदी करने के बाद जमीन पर लेटाया गया था। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। मंगलवार 26 नवंबर को बांदा एक सरकारी अस्पताल में नसबंदी कैंप लगाया था। इस कैंप में नसबंदी करवाने के लिए 16 महिलाओं ने रजिस्टर करवाया था। महिलाओं का ऑपरेशन तो सही तरीके से हो गया है लेकिन उनको बाद बेड नहीं दिया गया।
ऑपरेशन करा चुकी महिलाओं को आराम करने के लिए जमीन पर लिटा दिया गया। जीमन पर एक लाइन से लाल रंग के चादर ओढ़े महिला का वीडियो सोशल मीडिया पर किसी ने बनाकर पोस्ट कर दिया। इसकी तस्वीरें न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी शेयर की है।
वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए चीफ मेडिकल ऑफिसर ने कहा, 'यह मामला हमारे संज्ञान में लाया गया है कि मंगलवार को यहां एक नसबंदी कैंप लगाया गया था जिसमें 16 केस रजिस्टर किए गए थे। बेड अस्पताल में उस वक्त खाली नहीं थे इसलिए कुछ महिलाओं को नीचे लिटा दिया गया था। लेकिन इंजेक्शन देने के बाद उनको फिर बेड पर लिटा दिया गया था।'
चीफ मेडिकल ऑफिसर ने इस बात का आश्वासन दिया है कि वह आगे से सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी लापरवाही दोबार ना हो। हालांकि उन्होंने इस बात का भी भरोसा दिलाया है कि मामले की कार्रवाई की जाएगी।
मध्य प्रदेश में भी नसबंदी करके 13 महिलाओं को जमीन पर लिटाया गया था
मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के ग्यारसपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में 13 महिलाओं को नसबंदी का ऑपरेशन करने के बाद कथित तौर पर जमीन पर लिटाने के मामले में जांच के आदेश दिये गये हैं। विदिशा जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.एस. अहिरवार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बुधवार को बताया, ‘‘जैसे ही मुझे 25 नवंबर को लगाये गये हेल्थ कैंप के दौरान ग्यारसपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में आपरेशन कराने वाली महिलाओं को फर्श पर लिटाने का पता चला, मैंने इसके बारे में जांच के आदेश दिये।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्वयं इस स्वास्थ्य केन्द्र में गया और जानकारी जुटाई।’’ अहिरवार ने बताया, ‘‘41 महिलाओं की नसबंदी हुई थी। इनमें से 28 को पलंग पर लिटाया गया था। बाकी 13 महिलाओं को जमीन पर बिस्तर उपलब्ध कराकर लिटाया गया।’’