सोशल मीडिया पर कुछ दिनों पहले एक सीआरपीएफ महिला कॉन्स्टेबल का वीडियो वायरल हो रहा था। इस वीडियो में महिला कॉन्स्टेबल कह रही थी, ''वो कोख नहीं पलने देंगे, जिससे अफजल निकलेगा।'' वायरल वीडियो में दिख रही महिला कॉन्स्टेबल सीआरपीएफ की 233वीं बटालियन में हैं। इनका नाम खुशबू चौहान है। अब सोशल मीडिया पर महिला कॉन्स्टेबल को जवाब देने वाला वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में भी एक सीआरपीएफ का ऑफिसर है। सोशल मीडिया पर वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि देखिए इस सीआरपीएफ ऑफिसर ने महिला कॉन्स्टेबल को जवाब दिया।
महिला कॉन्स्टेबल का वायरल वीडियो 27 सितम्बर 2019 का है। दिल्ली में आयोजित डिबेट का था, वाद-विवाद का विषय था- ''क्या मानवाधिकार का पालन करते हुए आतंकवाद से निपटा जा सकता है?'' सीआरपीएफ ऑफिसर का नाम सोशल मीडिया पर आशुतोष बताया जा रहा है।
वीडियो को ट्विटर यूजर अर्जुन मीना ने शेयर किया है। शेयर कर कैप्शन लिखा, ''अपने भाषण में झूठ बोलकर जहर परोसने वाली सैनिक खुशबू को उनके ही साथी आशुतोष कुमार का जवाब! आशुतोष को इस डिबेट में तीसरा स्थान मिला है, जबकि खुशबू को सांत्वना पुरस्कार! आशुतोष ने आदिवासी के जल-जंगल-जमीन, अभिव्यक्ति की आजादी, उन्नाव रेप, किसानों की आत्महत्या पर खुल कर बोला है!''
वीडियो में आशुतोष कहते दिख रहे हैं, इस देश में नक्सल समस्याओं ने गंभीर रूप धारण कर लिया है। प्रश्न उठता है कि ये नक्सली हैं कौन? सालों किसानी कर अपना जीवन बिताने वाले लोग अपनी धरोहन को बचाने के लिए सरकार के खिलाफ खड़े हो गए हैं और नक्सली बनने को मजबूर हो गए।
वीडियो में आशुतोष कहते हैं, महोदय आधुनिकीकरण के नाम पर उस मजबूर आदिवासियों को हक छीना गया और उन्हें मजबूर किया गया बंधुआ मजदूर बनने को। तो आप ही बताइए, मैं इस देश की सेवा क्यों करूं और किसके लिए अपने तन, मन, धन से इस देश की सेवा करूं।
वीडियो में आशुतोष कहते हैं, हमारे विपक्षी साथी मानवाअधिकारों के संरक्षण की बात करते हैं, मैं पूछता हूं, जब देश में आम नागरिकों का कोई हक नहीं रहेगा तो इस स्तिथि में राष्ट्रीय सुरक्षा का क्या मतलब होगा।
वीडियो में आशुतोष कहते हैं, हम किस राष्ट्रीय सुरक्षा की बात करते हैं, पुलिस हिरासत में लोगों की मौत, उन्नाव रेप कांड की पीड़िता के पिता की मौत, बिहार के शेल्टर होम का कांड, क्या यह है राष्ट्रीय सुरक्षा।
महिला कॉन्स्टेबल के वीडियो पर सीआरपीएफ ने दी थी प्रतिक्रिया
महिला कॉन्स्टेबल का वीडियो वायरल होने के बाद सीआरपीएफ का इस पर बयान आया था। उन्होंने कहा है कि इससे सीआरपीएफ का कोई लेना-देना नहीं है। सीआरपीएफ ने कहा है कि सुरक्षा बल मानवाधिकारों के लिए प्रतिबद्ध है। यह महिला का अपना नीजि बयान है।
सीआरपीएफ के प्रवक्ता मूसा धिनकरन ने कहा था, ''महिला कॉन्स्टेबल एनएचआरसी द्वारा आयोजित एक वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रस्ताव के खिलाफ बोल रही है। सीआरपीएफ मानवाधिकारों का बिना शर्त सम्मान करती है। उन्हें इस प्रस्ताव के खिलाफ बोलने के लिए कहा गया और उन्होंने काफी तीखे स्वर के साथ भाषण दिया लेकिन कुछ हिस्से को टाला जाना चाहिए था। उसे उचित सलाह दी गई है। हम सीआरपीएफ के लिए सम्मान और चिंता की सराहना करते हैं।''