बिहार: 'चमकी बुखार' पीड़ित बच्चों वाले ICU में घुस कर रिपोर्टिंग करने से टीवी एंकर पर भड़का सोशल मीडिया
By आदित्य द्विवेदी | Updated: June 19, 2019 18:24 IST2019-06-19T18:24:22+5:302019-06-19T18:24:22+5:30
मुजफ्फरपुर के एसकेएमसी हॉस्पिटल के आईसीयू में डॉक्टरों और स्टाफ को रोककर अंजना ओम कश्यप सवाल-जवाब करने पर ट्विटर यूजर्स ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बिहार में मासूमों पर 'चमकी बुखार' यानि एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) का कहर जारी है।

बिहार में चमकी बुखार का कहर जारी है।
टीवी न्यूज एंकर अंजना ओम कश्यप की ताजा लाइव रिपोर्टिंग ने सोशल मीडिया यूजर्स का पारा चढ़ा दिया है। मुजफ्फरपुर के एसकेएमसी हॉस्पिटल के आईसीयू में डॉक्टरों और स्टाफ को रोककर सवाल-जवाब करने पर ट्विटर यूजर्स ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। गौरतलब है कि बिहार में मासूमों पर 'चमकी बुखार' यानि एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) का कहर जारी है। इसी की रिपोर्टिंग करने के लिए अंजना ओम कश्यप अपनी टीम के साथ मंगलवार को मुजफ्फरपुर पहुंची थी। उन्होंने आईसीयू में घुसकर वार्ड की हालत दिखाई। इस दौरान अस्पताल के मेडिकल स्टाफ के साथ उनकी बहस हुई।
अंजना ओम कश्यप की रिपोर्टिंग पर प्रतिक्रिया देते हुए एनडीटीवी की वरिष्ठ पत्रकार कादम्बिनी शर्मा ने लिखा, 'ICU में जाकर नौटंकी एंकरिंग करने से, डॉक्टरों पर चिल्लाने से अगर बच्चे ठीक हो जाते तो यही दवाई लिखी जाती। ऐसी रिपोर्टिंग ग़लत और घटिया है।'
Alt News के संस्थापक संपादक प्रतीक सिन्हा ने ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'ये आजतक की बहादुरी वाली पत्रकारिता है। हॉस्पिटल वार्ड के अंदर नर्सों और डॉक्टरों पर गुस्सा जाहिर करके उपद्रव पैदा करना। अगर वो इसके सौवे हिस्से के बराबर आक्रामकता से राजनेताओं से सवाल पूछे होते तो ये एक उपलब्धि होती।'
This is journalism of courage by @aajtak. Heckling the nurses and doctors and creating nuisance inside a hospital award. If they show even one hundredth of this aggression in questioning politicians, then it'd be quite an achievement. pic.twitter.com/BSEyiwNnTZ
— Pratik Sinha (@free_thinker) June 18, 2019
पत्रकार शरद शर्मा ने लिखा, 'जो न्यूज़ एंकर मुज़्ज़फरपुर होस्पिटल के अंदर घुसकर डॉक्टरों को धमका-चमका रहे हैं। सारी अव्यवस्था का ज़िम्मेदार जैसे डॉक्टर ही हैं। उनसे निवेदन मुख्यमंत्री या स्वास्थ्य मंत्री को ऐसे धमका-चमक-कर दिखाएं। और उससे पहले बताएं कि बीते 5 साल में आपने कितनी बार 'चमकी' पर प्रोग्राम किये?'
मुकेश केजरीवाल ने लिखा, '8-10 साल में थोड़ी-बहुत रिपोर्टिंग बिहार के दिमागी बुखार पर की है। इतने बड़े मसले पर आज भी सारी रिपोर्टिंग सिर्फ साहस और जज्बात से हो रही। ना ऐसे मसलों की समझ है, ना कौशल। कोई ICU से लाइव एंकरिंग कर रहा। कोई AES के टीकों की कमी बता रहा। अभी वायरस का पता नहीं टीके कहां।'
नंदिनी सुंदर ने लिखा कि पत्रकार को अंदर ये सब करने के लिए इजाजत किसने दी? क्या वो अस्पताल चला रही हैं?
सोशल मीडिया पर हो रही आलोचनाओं पर अंजना ओम कश्यप ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने लिखा, 'अस्पताल में अप्रबंधन और बेरूखी का सच सामने लाना ज़रूरी था, हैऔर रहेगा। ICU में आए बच्चों को अटेंड करना ज़रूरी था, है, और रहेगा। प्रोपोगेंडा वाले आज 108 बच्चों की मौत भूल गए। डॉक्टर के लिए मगरमच्छी सहानुभूति दिखाने वालों, हेकलिंग का प्रपोगैंडा बंद करिए, फिर याद दिला दूँ, अब तक 108 बच्चों की मौत।'