सुधा सत्यन पिछले रविवार (24 मार्च) को दिल्ली से शिकागो जाने के लिए एयर इंडिया के विमान पर सवार हुई थीं। प्लेन में जब पायलट के नाम का अनाउंसमेंट हुआ तो सुधा 30 साल पहले के फ्लैशबैक में चली गईं। दरअसल, जिस नाम का अनाउंसमेंट हुआ था उस नाम का बच्चा उनका छात्र रह चुका था और उसने कहा था कि पायलट बनेगा। सुधा से रहा नहीं गया और उन्होंने एयरहोस्टेस से पायलट से मिलने का निवेदन किया। एयर इंडिया का विमान उड़ाने वाले रोहन भसीन जब सामने आए तो सुधा की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए। उन्होंने रोहन को तुरंत गले से लगा लिया।
रोहन की मां निवेदिता भसीन ने इस पल और 30 साल पहले की एक तस्वीर को ट्वीटर पर शेयर किया तो पोस्ट वायरल हो गई। उन्होंने ट्वीट में लिखा, ''प्ले स्कूल में दाखिले के वक्त टीचर ने मेरे बेटे का नाम पूछा तो उसने उदासीनतापूर्वक उत्तर दिया था, 'कैप्टन रोहन भसीन' और तब वह केवल 3 साल का था। ..और आज, वही टीचर शिकागो जा रही थीं और वास्तव में वही कैप्टन था।''
टीओआई की खबर के मुताबिक रोहन के सपने को उनके संपन्न परिवार के इतिहास ने ही उड़ान दी थी। रोहन के दादा कैप्टन जयदेव भसीन देश के सात पहले पायलट्स में से एक थे और 1954 में कमांडर बने थे। रोहन के माता-पिता का भी इंडियन एयरलाइंस से नाता है और अब वे एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर उड़ाते हैं। रोहन ने 12वीं की पढ़ाई के बाद पायलट की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी और 2007 में को-पायलट के तौर पर प्लेन उड़ाने लगे थे।
रिपोर्ट के मुताबिक सत्यन मुंबई में प्ले स्कूल चलाती थीं। उनके पति एयर इंडिया में इंजीनियर थे और वे मुंबई में रहने के दौरान भसीन परिवार के साथ काफी घनिष्ठ थे।