राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार के लिये चार अलग अलग याचिकायें दायर की गई है। इस याचिका को दायर करने के लिए आज का दिन इसलिए चुना गया है क्योंकि 6 दिसंबर को ही अयोध्या में कथित तौर पर बाबरी मस्जिद को तोड़ा गया था। इन याचिकाओं के दायर होते ही ट्विटर पर हैशटैग #BabriMasjid ट्रेंड करने लगा। बाबरी मस्जिद के विध्वंस की 27 वीं बरसी की पूर्व संध्या पर अयोध्या में कड़ी सुरक्षा की गई है। ताकि किसी तरह का कोई विरोध ना हो।
इस ट्रेंड के साथ एआईएमआईएम सुप्रीमो व सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी एक ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ''6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में एक मस्जिद को तोड़ दिया गया था। मुझे याद है कि एक युवा के रूप में मैंने इसको देखा और मुझे यकीन है कि अगली पीढ़ी का हर बच्चा इसे भी याद करेगा। एक मस्जिद चार शताब्दियों तक वहां खड़ी रही और इसे नष्ट करने वालों को न्याय का सामना करना बाकी है।''
इस मुद्दे पर पूर्व जेएनयू के छात्र उमर खालिद ने भी ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, 6 दिसंबर 1992, इस दिन को कोई कभी नहीं भूल सकता। यह सिर्फ एक मस्जिद को नष्ट करने के बारे में कभी नहीं था। यह समान नागरिकता और समान अधिकारों के विचार को नष्ट करने के बारे में था। वह विनाश अभी भी चल रहा है, ईंट से ईंट। इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, इसे उलटने के लिए लड़ें!
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