हिंदू धर्म के लोगों के लिए पौष माह के पूर्णिमा का बेहद खास महत्व है. . पूर्णिमा की तिथि चंद्रमा को प्रिय होती है और इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है. हिंदू ग्रंथों में पौष पूर्णिमा के दिन दान, स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने का भी विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन काशी, प्रयागराज और हरिद्वार में गंगा स्नान करना बेहद शुभ बताया जाता है. इस साल पौष पूर्णिमा 28 जनवरी को है. पौष माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले पूर्णिमा को ही हम पौष पूर्णिमा के नाम से जानते हैं - जानें 28 जनवरी के किस समय पूर्णिमा लगेगी ? 28 जनवरी को 1 बजकर 18 मिनट अर्ध रात्री में पौष पूर्णिमी लगेगीयह पूर्णिमा 29 जनवरी शुक्रवार की रात 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगी पौष पूर्णिमा व्रत और पूजा विधिपौष पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करने से पहले व्रत का संकल्प लें. इसके बाद पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें. स्नान से पूर्व वरुण देव को प्रणाम करें. स्नान के पश्चात सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए. स्नान से करने के बाद भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए. इसके बाद किसी जरुरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें. दान में तिल, गुड़, कंबल और ऊनी वस्त्र विशेष रूप से दें. पौष पूर्णिमा का महत्ववैदिक ज्योतिष और हिंदू धर्म से जुड़ी मान्यता के अनुसार, पौष सूर्य देव का माह कहलाता है. मान्यता है कि इस मास में सूर्य देव की आराधना से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसलिए पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में पूजन से मनोकामनाएं पूर्ण होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं.