केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा था कि नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर यानी एनपीआर के लिए किसी भी दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी और कोई बायोमैट्रिक डेटा एकत्रित नहीं किया जाएगा. इसके ठीक विपरीत रजिस्ट्रार जनरल एंड सेंसस कमिश्नर ऑफ इंडिया (आरजीसीसीआई) की वेबसाइट कुछ और ही कहती है. इसका मतलब एनपीआर में बायोमैट्रिक पहचान को लेकर अजीब विरोधाभास पैदा हो गया है.