"भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली एक नए युग में प्रवेश कर रही है", गृहमंत्री अमित शाह ने नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी के सम्मेलन में कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 23, 2024 02:15 PM2024-01-23T14:15:37+5:302024-01-23T14:50:53+5:30
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को तीन नए आपराधिक कानूनों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि 5 साल बाद भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली दुनिया में सबसे आधुनिक होगी।
गांधीनगर: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को तीन नए आपराधिक कानूनों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि 5 साल बाद भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली दुनिया में सबसे आधुनिक होगी।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार गृहमंत्री अमित शाह ने नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) के 5वें अंतर्राष्ट्रीय और 44वें अखिल भारतीय अपराध विज्ञान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस सम्मेलन का उद्घाटन ऐसे समय में हो रहा है, जब भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली एक नए युग में प्रवेश कर रही है।
उन्होंने कहा, "हमारी सरकार ने भारत में आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य कानून को खत्म कर दिया गया है और नए कानून को पेश किया। मेरे कंधे पर इन नये कानूनों को लागू कराने की जिम्मेदारी है। हमने बड़े साहस के साथ फैसला किया कि हर उस मामले में, जिसमें 7 साल या उससे ज्यादा की सजा का प्रावधान है। अपराध स्थल पर फोरेंसिक टीम का जाना अनिवार्य होगा।"
गृहमंत्री शाह ने आगे कहा, "अपराधों की फोरेंसिंक जांच से केस में आसानी होगी और मामले में फैसला सुनाने वाले जजों का काम भी आसान हो जाएगा। इसके साथ ही हम पूरी प्रक्रिया को आधुनिक बनाने की भी कोशिश कर रहे हैं। अभी इसमें 5 साल लगेंगे क्योंकि इसके अलग-अलग स्तर हैं लेकिन 5 साल बाद भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली दुनिया में सबसे आधुनिक होगी।''
कांग्रेस की सरकारों और उसके शासनकाल पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, "देश में अगर कोई सरकार 50 साल तक सत्ता में रहती है तो वह 5-6 बदलाव करती है, लेकिन हमने सिर्फ 10 साल में हर क्षेत्र में 50 से ज्यादा बदलाव किए हैं।"
इसके साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री ने जोर देकर कहा कि 5 साल बाद देश को हर साल 9,000 से अधिक वैज्ञानिक और फोरेंसिक विज्ञान विशेषज्ञ मिलेंगे और इसके लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, "हमारी सरकार 40 साल बाद नई शिक्षा नीति लेकर आई है। मैं कह सकता हूं कि यह शिक्षा नीति पूरी तरह से भारत पर आधारित है लेकिन यह हमारे बच्चों को विश्व पटल पर भी प्रतिष्ठित करेगी। 5 साल बाद इस देश को हर साल 9,000 से ज्यादा वैज्ञानिक अधिकारी और फोरेंसिक विज्ञान विशेषज्ञ मिलेंगे।"
सम्मेलन को संबोधित करते हुए आगे अमित शाह ने कहा कि सरकार देश के उन पुलिस स्टेशनों के लिए तकनीकी समाधान ढूंढ रही है, जो शहरों से दूर-दराज या पहाड़ों पर स्थित हैं।
उन्होंने कहा, "हम देश के उन पुलिस स्टेशनों के लिए भी तकनीकी समाधान ढूंढ रहे हैं, जो पहाड़ों पर स्थित हैं। 7 पुलिस स्टेशनों को छोड़कर देश के हर पुलिस स्टेशन को कंप्यूटर के डेटाबेस से जोड़ा गया है। 15 करोड़ से अधिक ई-कोर्ट में अभियोजन डेटा ऑनलाइन कर दिया गया है और यह भारत की सभी भाषाओं में है। हम ई-जेल के माध्यम से लगभग 2 करोड़ कैदियों का डेटा रिकॉर्ड करने में सक्षम हैं। इसके अलावा हमने पिछले 3 वर्षों से ऑनलाइन डेटा में ई-फॉरेंसिक के 19 लाख परिणाम उपलब्ध कराए हैं।“