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लॉकडाउन 2.0 को उद्योग जगत का सपोर्ट, लेकिन 4 करोड़ नौकरियों पर खतरा,

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 14, 2020 08:53 PM2020-04-14T20:53:00+5:302020-04-14T20:53:00+5:30

पीएम ने लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया है. पीएम के इस फैसले का उद्योग जगत स्वागत करते हुए कहा कि इसान के जीवन पर बढ़ते खतरे को देखते हुए देश भर पहले से जारी 21 दिनों के लॉकडाउन को आगे बढ़ाना जरूरी था. इसके साथ ही उद्योग जगत को चिंता भी है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण इकॉनॉमी के सामने पैदा हुए मुश्किल हालात से उबरने के लिए प्रोत्साहन पैकेज की भी जरूरत है. लॉकडाउन का बुरा असर अर्थव्यवस्था पर दिखने लगा है. लाखों प्रवासी श्रमिकों के साथ हर सेक्टर में आजीविका पर संकट बढ़ने से चिंताएं पैदा हो गई हैं. 

फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने कहा कि अनुमान है कि भारत को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के चलते प्रतिदिन करीब 40,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है और पिछले 21 दिनों के दौरान 7-8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.  उन्होंने कहा कि अप्रैल से सितंबर 2020 के दौरान करीब चार करोड़ नौकरियों पर संकट रहेगा. इसलिए तत्काल राहत पैकेज भी जरूरी है. 

 सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि लॉकडाउन जारी रखने का प्रधानमंत्री का फैसला एक बड़े मानवीय संकट को रोकने के लिए आवश्यक है.  उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने 20 अप्रैल के बाद लॉकडाउन से बाहर निकलने के लिए एक दिशानिर्देश भी दिया है, जिससे उद्योगों की बेहतर योजना बनाने में मदद मिलेगी. आईटी उद्योग की संस्था नॉसकॉम ने कहा, हम संक्रमण रहित क्षेत्रों में प्रतिबंधों से छूट देने के प्रस्ताव से खुश हैं और आशा करते हैं कि सरकार जल्द ही आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की भी घोषणा करेगी ताकि हम अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर सकें. जीवन और आजीविका, दोनों को सहेजने का काम साथ-साथ चलना चाहिए. 

इसके चलते कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कुछ क्षेत्रों के लिए छूट मांगी है. कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए किसी राहत पैकेज का एलान नहीं होने से केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक भड़क गये. वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों को प्रशंसा नहीं बल्कि मदद की जरूरत है जिससे वे मुश्किल स्थिति पर काबू पा सकें. केरल के वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक मौजूदा संकट के समय राज्यों से भारी ब्याज की वसूली कर रहे हैं.  राज्यों को केंद्र से वित्तीय सहायता की उम्मीद थी, न कि सिर्फ प्रशंसा की. अधिकतर राज्यों ने उधारी 500- 1000 करोड़ रुपये तक सीमित रखी है और सैलरी में कटैती के अलावा दूसरे विकास के कामों को रोकना शुरू कर दिया है. पीएम ने आज राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में महामारी से असरदार तरीके से निपटने के लिए राज्यों की तारीफ की थी.

आज सुबह दस बजे पीएम मोदी ने लॉकडाउन तीन मई तक बढाने का एलान किया था. पीएम ने साथ ही ये भी बताया कि लॉकडाउन को लागू करने के बारे में गाइडलान्स 15 अप्रैल यानि  बुधवार को जारी किए जाएंगे. इसके अलावा लॉकडाउन से राहत के संकेत भी दिए. पीएम ने कहा कि 20 अप्रैल के बाद उन जगहों पर कुछ रियायत मिल सकती है जहां वायरस का प्रसार नहीं होगा.

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