पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में स्थित करतारपुर साहिब सिखों के लिए बेहद पवित्र स्थल है . सिख इतिहास के मुताबिक चार महत्वपूर्ण यात्राएं करने और जीवनभर का ज्ञान बटोरने के बाद गुरु नानक देव जी करतारपुर के इसी स्थान पर आए और जीवन के अंतिम 18 वर्ष उन्होंने यहीं बिताए.इसी जगह पर उन्होंने लोगों को अपने साथ जोड़ा और उन्हें एकेश्वरवाद का महत्व समझाया.. गुरू ने उपदेश दिया कि पूरी दुनिया का कर्ता-धर्ता केवल एक अकाल पुरख है. वह अकाल पुरख निरंकार है..यहीं पर गुरू नानक देव जी ने ’किरत करो.. नाम जपो… वंड छको..मतलब नाम जपें.. मेहनत करें और बांटकर खाएं… का उपदेश दिया… करतारपुर साहिब गुरुद्वारे की नींव खुद गुरू ने 1522 में रखी थी.