किसान आंदोलनकिसान-सरकार बातचीत बेनतीजा 8 जनवरी को फिर वार्तादिल्ली (Delhi) में कड़ाके की ठंड के बीच पिछले सवा महीने से कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Farmer Protest) अब भी जारी है। बारिश और ठंड के बीच दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों (Farmers) की आज सोमवार को एक बार फिर से सरकार के साथ बैठक हुई। इस बैठक में सरकार और किसान के बीच बात नहीं बन पाई। बेनतीजा रही इस बातचीत के बाद अब अगली बैठक 8 जनवरी को होगी। इससे पहले हुई सातवें दौर की बातचीत में सरकार ने किसानों की दो बातें मान ली थी- बिजली संशोधन विधेयक 2020 और पराली जलाना जुर्म नहीं।किसान संगठनों के नेताओं के साथ सोमवार को हुई बातचीत के दौरान सरकार ने दो टूक कहा है कि तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जा सकता। सरकार की ओर से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोम प्रकाश किसान संगठनों के 41 नेताओं के साथ दिल्ली के विज्ञान भवन में दोपहर से बैठक हो रही थी। इससे पहले, पिछले साल हुई बैठक में किसानों और सरकार के बीच दो मुद्दों पर सहमति बनी थी। किसान नेताओं के साथ बातचीत में केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि कानून के जिस भी खंड से दिक्कत है, उसमें संशोधन करने के लिए सरकार तैयार है। इस बैठक में शामिल किसान नेता जोगिंदर सिंह ने हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा, ''सरकार ने कहा कि वह कानूनों के बिंदुओं पर एक-एक करके बात करना चाहती है। उन्होंने कहा कि कानूनों को रद्द नहीं किया जा सकता है। हमने भी उन्हें बता दिया है कि सिर्फ एक ही तरीका है और वह यह है कि कानूनों को रद्द किया जाए और एमएसपी पर कानून बनाया जाए।'' वहीं, बातचीत में सरकार सबसे पहले एमएसपी के प्रस्ताव पर बातचीत करना चाहती थी, जिसे किसान नेताओं ने खारिज कर दिया। हालांकि, पिछली बार की तरह, इस बार केंद्रीय मंत्रियों ने किसान नेताओं द्वारा मंगाए गए खाने को नहीं खाया।बैठक में जान गंवाने वाले किसानों को दी गई श्रद्धांजलिबैठक में सबसे पहले किसान नेताओं और तीनों केंद्रीय मंत्रियों ने आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 50 किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। किसानों और मंत्रियों ने अपनी जगह खड़े होकर दो मिनट का मौन रखा। बैठक शुरू होने से ठीक पहले कृषि मंत्री तोमर ने कहा, ''मुझे उम्मीद है कि आज कोई सकारात्मक हल निकलेगा। हम बैठक में सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे।'' वहीं, न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए किसान नेता हन्नान मोल्लाह ने कहा कि नए साल पर हो रही इस बैठक से हमें भी उम्मीद है कि हल जरूर निकलेगा। उन्होंने कहा, ''यह सरकार पर है कि वह दिक्कतों का हल निकालना चाहती है या नहीं। हमें उम्मीद है कि सरकार किसानों के प्रति इंसानियत दिखाएगी।''