प्रधानमंत्री के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के. विजय राघवन ने कहा है कि कोविड-19 वायरस की प्रकृति को देखते हुए देश में 4 तरह की वैक्सीन पर काम किया जा रहा है. कोविड-19 वैक्सीन की खोज को लेकर कंपनियां शोध और विकास कार्य में लगी हुई हैं. कुछ कंपनियां इस साल के अंत तक और कुछ फरवरी तक वैक्सीन बना सकती हैं. राघवन ने कहा कि देश में 4 तरह से वैक्सीन तैयार हो रही हैं. - पहले तरीके में एमआरए वैक्सीन बनाई जा रही है. इसमें वायरस का जेनेटिक मेटेरियल लेकर इसे तैयार किया जाता है. - दूसरे तरीके में स्टैंडर्ड वैक्सीन बन रही है. इसमें वायरस का एक कमजोर वर्जन लिया जाता है, यह फैलता है, लेकिन इससे बीमारी नहीं होती. - तीसरे तरीके में किसी और वायरस के बैकबोन में संक्रमण फैलाने वाले वायरस के प्रोटीन कोडिंग रीजन को लगाकर वैक्सीन बनाते हैं. - चौथे तरीके में वायरस का प्रोटीन लैब में तैयार कर दूसरे स्टिमूलस के साथ लगाते हैं.