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102 साल पुराने कानून में बदलाव के लिए बिल पेश

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 4, 2022 18:32 IST

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Amit Shah in Lok Sabha । नए बिल में पुलिस को अधिकार दिया गया है कि वह पहचान और आपराधिक मामले की जांच के लिए किसी भी गिरफ्तार व्यक्ति या दोषी के फिजिकल और बायोलॉजिकल सैंपल्स ले सकती है. संसद में पेश यह विधेयक पारित होने के बाद साल 1920 के कैदियों की पहचान संबंधी कानून (The Identification of Prisoners Act, 1920) की जगह लेगा.
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